बाघमारा से भाजपा के विधायक ढुल्लू महतो पर भाजपा की ही एक नेत्री ने दुष्कर्म का आरोप लगाया था। इस मामले में विधायक ढुल्लू महतो बरी हो गये। मंगलवार को धनबाद के एमपी, एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश अखिलेश कुमार ने इस मामले में अपना फैसला सुनाया। इस मामले में पीड़िता व उनके पति पहले ही गवाही के दौरान अपने आरोपों से मुकर चुके हैं। सोमवार को अदालत में विधायक का सफाई बयान दर्ज हुआ था।
4 अक्टूबर 2019 को पुलिस ने दर्ज की थी प्राथमिकी
दरअसल जिला भाजपा की पूर्व महिला नेत्री ने विधायक ढुल्लू महतो पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए शिकायत की थी। हाईकोर्ट के आदेश पर पुलिस ने ढुल्लू महतो के खिलाफ 4 अक्टूबर 2019 को प्राथमिकी दर्ज की थी। कोर्ट में 15 फरवरी 2020 को पीड़िता का धारा 164 के तहत बयान दर्ज कराया गया था, जिसमें उसने कहा था कि नवंबर 2015 में हिंदुस्तान जिंक के टुंडू गेस्टहाउस में ढुल्लू महतो ने उसे बुलाया और जबरन उसके साथ गलत करने का प्रयास किया था। इस मामले को लेकर काफी आंदोलन भी हुआ था। पीड़ित महिला को सुरक्षा गार्ड भी मुहैया कराया गया था।
क्या है मामला
सोमवार को ढुल्लू महतो न्यायालय में हाजिर हुए। कोर्ट में ढुल्लू महतो का सफाई बयान दर्ज किया गया था। एमपी-एमएलए के विशेष न्यायाधीश अखिलेश कुमार के सवाल का जवाब देते हुए ढुल्लू महतो ने कहा कि वे निर्दोष हैं। उनके पर लगाए गए सभी आरोप निराधार और बेबुनियाद हैं। महिला ने विधायक पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए शिकायत की थी। हाईकोर्ट के आदेश पर विधायक के खिलाफ पुलिस ने चार अक्तूबर-2019 को प्राथमिकी दर्ज की थी। धारा-164 के तहत 15 फरवरी 2020 को पीड़िता का बयान दर्ज कराया गया था। पीड़िता ने पूर्व में धारा 164 के तहत दिए बयान में बताया था कि नवंबर-2015 में हिन्दुस्तान जिंक के टुंडू गेस्ट हाउस में ढुलू महतो ने बुलाया था। उनके शरीर को छुआ और जबरन उनके साथ गलत काम किया था। विधायक ने कहा था, तुम 18 साल की लगती हो। कैसे मेंटेन करती हो। इसके बाद विधायक ने गलत काम किया। बयान में पीड़िता ने पूर्व में कहा था कि जब वह गेस्ट हाउस गई थीं, तो वहां आनंद शर्मा थे। आनंद शर्मा और अयोध्या ठाकुर ने उनसे कई बार कहा था कि ढुल्लू उसे पसंद करते हैं और उनकी बात मानने पर मालामाल कर देंगे। हालांकि न्यायालय में दिए बयान में नेत्री अपने बयान से पलट गई थी।
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