नई दिल्ली. नागर विमानन महानिदेशालय ने किफायती विमान कंपनी स्पाइसजेट को ड्रोन के जरिये ई-कॉमर्स पार्सल डिलीवरी की अनुमति दे दी है. DGCA द्वारा दी गई इस मंजूरी के बाद अब स्पासजेट ड्रोन की मदद से ई-कॉमर्स पार्सल, मेडिकल, फार्मा और अन्य जरूरी वस्तुओं की सप्लाई कर सकेगा. रिमोट एरिया में इन वस्तुओं को पहुंचाने में सहूलियत मिल सकेगी.
किफायती दरों पर होगी डिलीवरी
स्पाइसजेट ने शुक्रवार को कहा, स्पाइस एक्सप्रेस के ट्रायल और अप्रूवल्स के बाद ड्रोन के जरिये जल्दी से किफातयी दरों में इन वस्तुओं की डिलीवरी कर सकेगा. स्पाइस एक्सप्रेस विमान कंपनी स्पाइसजेट की कार्गो ईकाई है.
DGCA ने मांगा था एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट
स्पाइस एक्सप्रेस की अगुआई में एक कंसॉर्टियम ने रेग्युलेटर को इस संबंध में एक प्रस्ताव सबमिट किया था ताकि ‘बियॉन्ड विजुअल लाइन ऑफ साइट’ ऑपरेशन का प्रयोग किया जा सके. यह ऑपरेशन रिमोट पायलट से चलने वाले एयरक्राफ्ट के लिए होगा. हाल ही में DGCA ने इस संबंध में एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट मांगा था.
BVLOS के एक्सपेरीमेंट असेसमेंट और मॉनिटरिंग कमिटी की रिपोर्ट के आधार पर SpiceXpress को इस तरह के संचालन की मंजूरी दी गई है.
क्या है BVLOS?
बता दें कि ड्रोन इंडस्ट्री के क्षेत्र में BVLOS की काफी चर्चा सुनने को मिलती है. दुनियाभर के कई देश इसे लेकर अपने ड्रोन पॉलिसी में संशोधन कर रहे हैं ताकि मानवरहित एरियल व्हीकल्स को अधिकतम दक्षता के साथ उड़ाया जा सके. BVLOS फ्लाइट्स को विजुअल रेंज के आगे भी उड़ाया जा सकता है. साथ ही, इससे ड्रोन्स को अधिक दूरी तय करने में भी मदद मिलती है. इसे कई तरह से इस्तेमाल किया जा सकता है और यह बेहद किफायती भी होता है.