झारखंड के पहले ऊर्जा मंत्री लालचंद महतो का रांची में निधन हो गया है. गुरुवार की रात 11 बजे वह रांची के लालपुर स्थित अमरावती अपार्टमेंट स्थित अपने फ्लैट के बाथरूम में बेहोश होकर गिर गये थे. जिसके बाद परिजन उन्हें लालपुर स्थित एक निजी अस्पताल ले गये, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. 72 वर्ष की उम्र में उन्होंने आखिरी सांस ली.
लालचंद महतो झारखंड गठन के बाद बनी पहली सरकार में ऊर्जा मंत्री थे. हालांकि, झारखंड के पहले मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी की सरकार को अस्थिर करने में उन्हीं की भूमिका मानी जाती है. उन्होंने बाबूलाल मरांडी की डोमिसाइल नीति क विरोध किया था.
लालचंद महतो ने अपनी राजनीति भारतीय जनसंघ से शुरू की थी. वे युवावस्था में ही जनसंघ में शामिल हो गए थे. हालांकि, बाद में उनपर लोकनायक जयप्रकाश नारायण का प्रभाव रहा और वे समाजवादी विचारधारा की ओर मुड़ गए. आपातकाल के बाद हुए 1977 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने जनता पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर डुमरी सीट पर चुनाव लड़ा. जिसमें उन्होंने जीत भी दर्ज की. इसके बाद वे 1990 में जनता दल के टिकट पर दोबारा डुमरी के विधायक बने.
वर्ष 1999 में हुए विधानसभा चुनाव में वह डुमरी सीट से जदयू प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़कर तीसरी बार विधायक बने और झारखंड के पहली सरकार में ऊर्जा मंत्री बने. इसके बाद 2004 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल के टिकट पर डुमरी सीट से चुनाव लड़ा था. जबकि 2009 का विधानसभा चुनाव उन्होंने बहुजन सदान मोर्चा नाम से अपनी पार्टी बनाकर डुमरी सीट से लड़ा था. वहीं 2014 का विधानसभा चुनाव डुमरी सीट से बीजेपी उम्मीदवार के तौर पर लड़ा था. इन तीनों ही विधानसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था.