केन्द्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने राजधानी रांची में झारखंड सरकार को आड़े हाथों लेते हुए, राज्य की दुर्दशा के लिए उसे जिम्मेदार ठहराया है। वित्तमंत्री ने यह भी कहा कि झारखंड सरकार बार-बार केन्द्र सरकार पर सौतेला व्यवहार करने का जो आरोप लगाती है, वह निराधार है। सीतारमण ने कारोबार को लेकर कहा कि झारखंड कभी शीर्ष पांच राज्यों में शुमार हुआ करता था लेकिन आज यहां ‘जंगल राज’ व्याप्त हो गया है। जिसका असर यहां को कारोबार और कारोबार स्थापित होने की सुगमता पर भी पड़ा है। यदि कानून व्यवस्था में सुधार हो जाये तो यहां में निवेश बढ़ेगा। ऐसा होने के लिए झारखंड के शासन में बदलाव जरूरी है और यह समय की मांग भी है। वित्तमंत्री ने यह जरूर कहा कि उद्योगों की बहाली के जरिए पूर्वी भारत देश के विकास का इंजन बन सकता है।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण गुरुवार को झारखंड चैम्बर ऑफ कॉमर्स के एक कार्यक्रम में होटल रेडिशन ब्लू के सभागार से बोल रही थीं। वित्तमंत्री ने अपने सम्बोधन में झारखंड की समस्याएं भी गिनायीं। उन्होंने कहा कि झारखंड बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार, पलायन और अराजकता व्याप्त है जिसका खमियाजा खामियाजा राज्य भुगत रहा है। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री द्वारा राज्य के साथ सौतेला व्यवहार किए जाने के (विपक्ष के) आरोप निराधार हैं। झारखंड को 2024-25 के बजट में रेल परियोजनाओं के लिए रिकॉर्ड 7,200 करोड़ रुपये आवंटित किया जाना इस बात का प्रमाण है।
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि मोदी सरकार तीसरे कार्यकाल के लिए आ रही है और हम दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लिए काम करेंगे जिसमें झारखंड की भागीदारी जरूरी है। इसलिए लोकसभा चुनाव में हमें सोच-समझकर देश की भलाई, हित और नेतृत्व के लिए वोट करना चाहिए। भ्रष्टाचार से मुक्ति के लिए वोट करें, क्योंकि हमें यहां जंगलराज नहीं चाहिए। वित्तमंत्री ने कहा कि पूरे देश में भ्रम फैलाया जा रहा है कि कि ईडी और सीबीआई का इस्तेमाल किया जा रहा है।