धनबाद (Dhanbad) के डाकघरों में एक के बाद एक घोटाले की परतें खुल रही हैं. पहले केके पॉलिटेक्निक गोविंदपुर में 9.38 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ था. इसकी विभागीय जांच के बाद सीबीआई ने प्राथमिकी दर्ज की थी.
जांच के बाद वासेपुर डाकघर में उससे बड़ा घोटाला उजागर हुआ है. विभाग की ओर से फिर से एक कमेटी बनाकर मामले की जांच शुरू कर दी गयी है. इस घोटाले में भी सब पोस्टमास्टर सुमित कुमार सौरभ पर आरोप लग रहे हैं. उसके अलावा और कौन-कौन इसमें शामिल हैं, उसकी भी जांच चल रही है.
धनबाद (Dhanbad) के वासेपुर डाकघर में वित्तीय वर्ष 2021-22 में तत्कालीन सब पोस्टमास्टर के स्थान पर सुमित कुमार सौरभ को डेप्यूटेशन पर भेजा गया था. इस दौरान उनके आइडी से लगभग 14 से 15 करोड़ रुपये की अतिरिक्त निकासी हुई थी, लेकिन इसकी जानकारी विभाग को नहीं मिली. 16 अप्रैल को जब सीबीआइ ने मामला दर्ज किया तो वह जिन स्थानों पर रहे हैं उन सभी स्थानों की जांच कर रही है.
इसी दौरान सुमित कुमार सौरभ जब वासेपुर (Dhanbad) में थे, तब वहां लगभग 14 से 15 करोड़ रुपये की अवैध निकासी हुई थी. इसकी सूचना मिलने पर एसएसपी ने एक विभागीय कमेटी का गठन किया. इसमें एक असिस्टेंट सुपरिटेंडेंट के अलावा दो इंस्पेक्टर को रखा गया है. टीम के तीनों सदस्य लगातार मामले की जांच कर रहे हैं और रिपोर्ट बना रहे हैं. पूरी रिपोर्ट तैयार होने के बाद ही घोटाले का सही आंकलन किया जा सकेगा. मामले पर विभाग के वरीय अधिकारियों की नजर है.
सीबीआई धनबाद(Dhanbad) की टीम ने 16 अप्रैल 2024 को गोविंदपुर केके पॉलिटेक्निक पोस्ट ऑफिस से 9.38 करोड़ रुपये से अधिक के सरकारी फंड में घोटाले मामले में प्राथमिकी दर्ज कर चुकी है. इसे लेकर सीबीआई जांच तेज हो गयी है. इस मामले में सब पोस्टमास्टर सुमित कुमार सौरभ , परितोष लकड़ा, शंकर भाटिया व भरत प्रसाद रजक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी थी.