कारगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लद्दाख के कारगिल पहुंचे हैं। उन्होंने 1999 की जंग के नायकों को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा- मैं जहां खड़ा हूं, वहां से आतंक के आकाओं तक मेरी आवाज पहुंच रही होगी।
मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि उनके आतंकी मंसूबे कभी कामयाब नहीं होंगे। पाकिस्तान ने अतीत में जितने भी दुस्प्रयास किए उसे मुंह की खानी पड़ी। लेकिन उसने अपने इतिहास से कुछ नहीं सीखा है। वो आतंकवाद के सहारे प्रॉक्सी वॉर के सहारे अपने आप को प्रासंगिक बनाए रखने का प्रयास कर रहा है।
3 मई को घुसपैठियों के दिखने की सूचना मिलने के बाद 5 मई, 1999 को भारतीय सेना ने पेट्रोलिंग पार्टी को घुसपैठ वाले इलाके में भेजा। पेट्रोलिंग पार्टी जब घुसपैठ वाले इलाके में पहुंची तो घुसपैठियों ने पांचों जवानों को मार दिया। सर्वोच्च बलिदान देने वाले जवानों के शव से बर्बरता भी की गई। घुसपैठिए लेह-श्रीनगर हाईवे पर कब्जा कर लेना चाहते थे। इसके जरिए वह लेह को बाकी हिन्दुस्तान से काट देना चाहते थे।
- 9 मई को कारगिल जिले में पाकिस्तानी सेना का तोप का गोला गिरा और भारत के गोला बारूद डीपो को उड़ा दिया।
- 10 मई, 1999 को द्रास, काकसर, बटालिक सेक्टर में पाकिस्तानी घुसपैठियों को देखा गया। उस वक्त ये अंदाजा लगाया गया कि करीब 600 से 800 घुसपैठिये भारतीय चौकियों पर कब्जा कर चुके हैं।
- 15 मई, 1999 के बाद कश्मीर के अलग-अलग इलाकों से सेना को भेजने की शुरुआत हुई।
- 26 मई को भारतीय वायुसेना ने घुसपैठियों पर जमकर बमबारी की।
- 27 मई को दो भारतीय लड़ाकू विमानों को पाकिस्तानी सेना ने मार गिराया। फ्लाइट लेफ्टिनेंट के. नचिकेता को पाकिस्तान ने युद्धबंदी बना लिया। वहीं, स्क्वॉड्रन लीडर अजय अहूजा ने सर्वोच्च बलिदान दे दिया।
- 31 मई, 1999 को प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का बयान आया। उन्होंने कहा कि कश्मीर में युद्ध जैसे हालात बन चुके हैं।
- 4 जुलाई को भारतीय सेना ने टाइगर हिल्स पर तिरंगा फहराया। करीब 11 घंटे तक लगातार चली लड़ाई के बाद भारतीय सेना ने इस अहम पोस्ट पर अपना कब्जा जमाया।
- 5 जुलाई को भारतीय सेना ने द्रास सेक्टर पर कब्जा जमाया। ये सेक्टर रणनीतिक रूप से बेहद अहम था।
- 7 जुलाई को बाटलिक सेक्टर में जुबर पहाड़ी पर भारतीय सेना ने फिर से कब्जा जमाया। 7 जुलाई को ही एक अन्य ऑपरेशन के दौरान कैप्टन विक्रम बत्रा ने सर्वोच्च बलिदान दिया।
- 11 जुलाई को भारतीय सेना ने बाटलिक सेक्टर की लगभग सभी पहाड़ियों की चोटियों को फिर से अपने कब्जे में ले लिया।
- 12 जुलाई को युद्ध हारते पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने भारत के सामने बातचीत की पेशकश की।
- 14 जुलाई को भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सेना को भारतीय क्षेत्र से पूरी तरह से खदेड़ दिया। भारत ने अपने सभी इलाकों को वापस हासिल कर लिया।
- 26 जुलाई को भारत ने कारगिल युद्ध को जीतने की घोषणा कर दी।
- 18 हजार फीट की ऊंचाई पर लड़ा गया युद्ध भारतीय सेनाओं के पराक्रम की गाथा कहता है।