केरल के वायनाड जिले में भारी बारिश के कारण भयानक भूस्खलन हुआ है. इस आपदा में अब तक 140 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि सैकड़ों लोग घायल हैं और कई अभी भी फंसे हुए हैं. भूस्खलन ने घरों और सड़कों को भारी नुकसान पहुंचाया है. वहीं कई पेड़ उखड़ गए हैं और नदियां उफान पर हैं. लापता लोगों को खोजने और बचाने के लिए सभी संभव संसाधनों के साथ अभियान जारी है.
मलबे में दबे लोगों को खोजने का काम जारी
सेना, नौसेना, वायुसेना, एनडीआरएफ, पुलिस और अग्निशमन दल सहित बचाव दल खराब मौसम के बीच जीवित बचे लोगों को खोजने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं. कयाकिंग, कोराकल बोटिंग और ट्रैकिंग जैसी पर्यटन गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. सोमवार तक शाम 7 बजे से सुबह 6 बजे तक पहाड़ी क्षेत्रों की यात्रा भी प्रतिबंधित रहेगी.
रेस्क्यू ऑपरेशन में लगी टीमें
केरल राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (KSDMA) के अनुसार, अग्निशमन और बचाव दल, नागरिक सुरक्षा, NDRF और स्थानीय आपातकालीन प्रतिक्रिया टीमें बचाव अभियान में लगी हुई हैं. डीएससी सेंटर कन्नूर से लगभग 200 भारतीय सेना के जवान और कोझिकोड से 122 TA बटालियन भी मौके पर मौजूद हैं. इसके साथ ही, दो वायु सेना के हेलीकॉप्टर, एक Mi-17 और एक ALH, भी बचाव अभियान में समन्वय कर रहे हैं. वायनाड के विभिन्न अस्पतालों में 120 से अधिक घायलों का इलाज चल रहा है. केरल के स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज के अनुसार, 116 शवों का पोस्टमॉर्टम पूरा हो चुका है.
मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ड
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने वायनाड और पड़ोसी जिलों में ‘ऑरेंज’ अलर्ट जारी किया है, जिसमें 31 जुलाई और 1 अगस्त को भारी से बहुत भारी बारिश की आशंका जताई गई है. मौसम विभाग ने 2 अगस्त के लिए भी भारी बारिश की भविष्यवाणी की है. वहीं आपदा और लगातार बारिश को देखते हुए, सभी शिक्षण संस्थान बुधवार, 31 जुलाई को बंद करने के आदेश जारी कर दिए गए. कासरगोड, कन्नूर, कोझिकोड, वायनाड, मलप्पुरम, पलक्कड़, त्रिशूर, इडुक्की, एर्नाकुलम, अलप्पुझा और पठानमथिट्टा में भी छुट्टी घोषित की गई है.
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