20 दिनों के अंदर गोलीबारी की दूसरी घटना ने कानून व्यवस्था पर उठाये सवाल. कोयलांचल में अपराधी बेलगाम हो गये हैं। 20 दिनों के अंदर गोलीबारी की दूसरी घटना कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रही है। मंगलवार को एक बार फिर अपराधियों ने निगम कांट्रेक्टर और कभी गैंग्स ऑफ वासेपुर के “डॉन फहीम खान” को चुनौती देने वाले नया बाजार के बाबला खान पर गोली चलाई। गोली उनके पेट में लगी है। अपराधियों ने जिस पिस्टल से घटना को अंजाम दिया है, वह पिस्टल भागने के क्रम में घटनास्थल में ही गिर गयी। जिससे साफ जाहिर होता है फायरिंग करने वाले नौसिखुआ थे। गोली की आवाज सुनते ही लोगों में भगदड़र मच गयी। वहां मौजूद व्यवसाइयों ने बबला को फौरन एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया है, जहां उनकी हालत चिंताजनक बताई जा रही है।
जिस वक्त इस वारदात को अंजाम दिया गया बाबला अपने घर से रोजाना की तरह धनबाद के गया पुल के समीप चाय पिने बैठे ही थे की अपराधी उनपर फायर कर दी बाबला को बेहद करीब से गोली मारी गई. लोगो की माने तो यह पूरा घटना जमीन विवाद से जुड़ा है, बाबला पिछले दिनों धनबाद ट्रांसपोर्ट से एक जमीन खरीदी थी उसी जमीन के कारण ही नया बाजार के एक बिल्डर से उनका अदावत चल रहा था हालांकि मौके वरदात पर धनबाद के सीटी और रूरल एसपी, डीएसपी सहित धनबाद और बैंक मोड़ पुलिस पहुंच पुरे घटना की तहकीकात में जुट गए और अपराधियों की धड़ पकड़ के लिए रेड की जा रही है.
धनबाद में शाम ढले अभी दो घंटे भी ठीक से नहीं बीता था कि गोली की आवाज़ से धनबाद स्टेशन रोड से बैंक मोड़ जाने वाली मुख्य सड़क पर दौड़ने वाली गाड़ियों का शोर थम-सा गया। नगर निगम के कांट्रेक्टर और एक ज़माने में नया बाजार में जिनकी तूती बोला करती थी, जिनका कभी गैंग्स ऑफ वासेपुर के गैंगस्टर फहीम खान से अदावत चला करती थी, उस शख्स बाबला खान पर अपराधियों ने गोली चलाकर हड़कंप मचाया है। हालांकि अपराधियों में भय भी था, इसी कारण गोली चलाने के बाद उनके हाथ से पिस्टल घटना स्थल पर ही छूट गयी। जिले की बिजी सड़क पर गोली चलने की खबर आग की तरह फैल गयी।
घटना के फौरन बाद धनबाद पुलिस हरकत में आयी और पूरे घटनक्रम की तहकीकात में जुट गयी। आपको बता दें कि 20 दिन पहले, विनोद बिहारी चौक के पास शहाबुद्दीन को अपराधियों ने गोली मारी थी, जिसकी इलाज के दौरान मौत हो गई थी। अभी उस घटना से पुलिस उबरी भी नहीं थी कि एक और घटना ने धनबाद में कानून-व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े कर दिए है। पुलिस प्रशासन पर अपराधियों को जल्द से जल्द पकड़ने का दबाव बढ़ता जा रहा है।