झारखंड में फाइनल राउंड यानी दूसरे चरण के मतदान बुधवार को सुबह 7.00 बजे से शुरू हो गया है। कई जिलों से खबरें आ रही हैं कि कई बूथों पर मतदाताओं की लम्बी-लम्बी कतारें सुबह से ही लगनी शुरू हो गयी है। उम्मीद की जा रही हैं कि दूसरे चरण में भी पहले चरण की भांति वोटों का प्रतिशत इस बार भी ज्यादा रहेगा। दूसरे चरण में 38 सीटों पर 528 प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। इनमें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, कल्पना सोरेन, बाबूलाल मरांडी, सुदेश महतो, अमर बाउरी, इरफान अंसारी, सीता सोरेन, रविन्द्र महतो समेत कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर है। इस चरण में 55 महिलाएं भी चुनाव मैदान में हैं। एक थर्ड जेंडर प्रत्याशी गिरिडीह की अश्विनी अम्बेडकर भी मैदान में हैं जो आपकी विकास पार्टी की उम्मीदवार हैं।
इस चरण के मतदान में कुल 528 प्रत्याशियों की किस्मत 12 जिलों के 38 विधानसभा क्षेत्र की जनता तय करने वाली है. इस चुनाव में कुल 1,23,90,667 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। आंकड़ों के मुताबिक सबसे ज्यादा धनवार सीट पर पूर्व सीएम और वर्तमान में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी सहित 24 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं. वहीं सबसे कम देवघर सीट पर महज 7 प्रत्याशी किस्मत आजमा रहे हैं। दूसरे चरण के मतदान के लिए कुल 14218 मतदान केंद्र बनाए हैं। जिसमें शहरी क्षेत्र में 2414 और ग्रामीण क्षेत्र में 11804 मतदान केंद्र हैं।
किन सीटों पर क्या है समीकरण
राजमहल – भाजपा से अनंत ओझा का झामुमो के एमटी राजा से मुकाबला है। यहां से अनंत लगातार 2014 और 2019 में जीत दर्ज कर चुके हैं। इस बार वे हैट्रिक लगाने की उम्मीद से मैदान में हैं। हालांकि झामुमो से उन्हें कड़ी टक्कर मिल रही है।
बोरियो – झामुमो के बागी और भाजपा उम्मीदवार लोबिन हेंब्रम मैदान में हैं। यहां उनका मुकाबला झामुमो के धनंजय सोरेन से है। लोबिन इस सीट से पांच बार के विधायक रह चुके हैं। यहां से जेएलकेएम प्रत्याशी सूर्य नारायण हांसदा भी हैं, जो चुनाव को रोचक बना रहे हैं।
बरहेट – सबकी नजरें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सीट बरहेट पर भी है। यहां पर मुख्यमंत्री को टक्कर देने के लिए भाजपा ने अपने कार्यकर्ता गमालियन हेंब्रम को मैदान में उतारा है। हालांकि बरहेट सीट हेमंत सोरेन के लिए सेफ मानी जा रही है, क्योंकि करीब चार दशकों से ये झामुमो का गढ़ रहा है। अगर कोई उलटफेर होता है तो इसे हेमंत की बड़ी हार के तौर पर देखा जाएगा।
लिट्टीपाड़ा – झामुमो ने इस बार हेमलाल मुर्मू को उम्मीदवार बनाया है जबकि भाजपा की तरफ से यहां बाबूधन मुर्मू हैं।
पाकुड़ – 2019 के चुनाव में कांग्रेस के आलमगीर आलम ने जीत दर्ज की थी। मनी लॉन्ड्रिंग मामले में छह महीनों से जेल में हैं। यहां से कांग्रेस ने आलमगीर आलम की पत्नी निशात आलम को उम्मीदवार बनाया है। उनका मुकाबला आजसू के अजहर इस्लाम से है। यहां से सपा के टिकट पर अकील अख्तर भी चुनाव मैदान में हैं।
महेशपुर – झामुमो के टिकट पर स्टीफन मरांडी मैदान में हैं तो भाजपा के टिकट पर नवीन हेंब्रम मैदान में हैं। महेशपुर को झामुमो के गढ़ के रूप में माना जाता है।
शिकारीपाड़ा – झामुमो के टिकट पर सांसद नलिन सोरेन के बेटे आलोक सोरेन मैदान में हैं। वहीं, उनके सामने भाजपा की टिकट पर पारितोष मैदान में हैं। शिकारीपाड़ा से नलिन सोरेन सात पर चुनाव जीत चुके हैं और इस बार लोकसभा में भी उन्होंने जीत दर्ज की।
नाला – झामुमो के टिकट पर स्पीकर रबिंद्रनाथ महतो मैदान में हैं तो भाजपा के माधव चंद्र उन्हें यहां से चुनौती दे रहे हैं। रबिंद्रनाथ ने यहां से 2014 और 2019 में जीत दर्ज की थी। ऐसे में वे हैट्रिक लगाने के इरादे से चुनाव मैदान में हैं।
जामताड़ा – भाजपा उम्मीदवार और हेमंत सोरेन की भाभी सीता सोरेन का मुकाबला कांग्रेस के इरफान अंसारी से है। इरफान 2014 और 2019 में यहां से जीते हैं। इसके अलावा उनके पिता फुरकान अंसारी का भी इस क्षेत्र में दबदबा है। वहीं, जामताड़ा में अल्पसंख्यकों वोटरों की संख्या अच्छी खासी है।
दुमका – बसंत सोरेन को कड़ी टक्कर भाजपा प्रत्याशी और पूर्व सांसद सुनील सोरेन से। सुनील सोरेन दुमका के सांसद भी रहे हैं। ऐसे में इस सीट पर बसंत को चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
जामा – झामुमो के टिकट पर पिछले तीन चुनावों में लगातार सीता सोरेन जीत रही थीं, लेकिन अब वे भाजपा में हैं। भाजपा से झामुमो में शामिल हुई लुईस मरांडी अब यहां से अपनी किस्मत आजमा रही हैं। यहां उनका मुकाबला भाजपा के सुरेश मुर्मू से है। पिछली बार सुरेश ने सीता सोरेन को कड़ी टक्कर दी थी।
जरमुंडी – कांग्रेस के टिकट पर बादल पत्रलेख चुनावी मैदान में हैं। झारखंड सरकार में मंत्री रहे बादल 2014 और 2019 में जीत भी दर्ज की थी। यहां उनका मुकाबला भाजपा के देवेंद्र कुंवर से है। देवेंद्र भी यहां से दो बार चुनाव जीत चुके हैं।
मधुपुर – विधानसभा सीट से झामुमो की टिकट पर हफीजुल हसन मैदान में हैं वे झारखंड सरकार में मंत्री भी है। वहीं, भाजपा की टिकट से उनके सामने गंगा नारायण सिंह हैं। 2022 के उपचुनाव में भी दोनों का मुकाबला हुआ था।
सारठ – विधानसभा सीट पर झामुमो ने उदय शंकर उर्फ चुन्ना सिंह को उम्मीदवार बनाया है। चुन्ना यहां से अलग-अलग पार्टी और निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चार बार जीत हासिल कर चुके हैं। जबकि 2014 और 2019 में यहां से जीतने वाले भाजपा के रणधीर सिंह उनके सामने हैं।
देवघर – राजद ने सुरेश पासवान को अपना उम्मीदवार बनाया है। यहां उनका मुकाबला भाजपा के नारायण दास से है। नारायण दास यहां से लगातार दो बार 2014 और 2019 में चुनाव जीत चुके हैं।
पोड़ैयाहाट – कांग्रेस के प्रदीप यादव का मुकाबला भाजपा के देवेंद्र नाथ सिंह से हैं। प्रदीप यादव यहां से पांच बार विधायक रह चुके हैं। हालांकि पिछले दो चुनाव उन्होंने जेवीएम की टिकट पर जीते। ये पहली बार है जब वे कांग्रेस की टिकट पर चुनाव मैदान में हैं।
गोड्डा – भाजपा के टिकट पर अमित मंडल चुनावी मैदान में हैं। यहां उनका मुकाबला राजद के संजय यादव से है। अमित मंडल 2014 और 2019 में चुनाव जीत चुके हैं। संजय यादव भी यहां से दो बार विधायक रह चुके हैं।
महगामा – कांग्रेस के टिकट पर एक बार फिर दीपिका पांडे मैदान में हैं। इनका मुकाबला भाजपा के अशोक भगत से है। 2019 के विधानसभा चुनाव में दीपिका ने यहां से जीत हासिल की थी। अशोक भगत यहां से दो बार विधायक रहे हैं।
रामगढ़ – आजसू की सुनीता देवी और कांग्रेस की ममता देवी चुनाव मैदान में हैं। 2019 के चुनाव में यहां से कांग्रेस के टिकट पर ममता देवी ने जीत हासिल की थी। लेकिन एक मामले में कोर्ट ने उन्हें दोषी ठहराया जिसके बाद उनकी सदस्यता चली गई। उपचुनाव में यहां से आजसू पार्टी के टिकट पर चंद्रप्रकाश चौधरी की पत्नी सुनीता देवी ने जीत दर्ज की।
मांडू – विधानसभा सीट पर कांग्रेस के जेपी पटेल और आजसू के तिवारी महतो मैदान में है। 2019 में यहां से जेपी पटेल ने जीत दर्ज की थी, लेकिन वे लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस के उम्मीदवार बने जिसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा। एक बार फिर वे मांडू में कांग्रेस उम्मीदवार हैं। उन्हें आजसू के तिवारी महतो और जेएलकेएम के प्रत्याशी परमेश्वर कुमार से चुनौती मिल रही है।
धनवार – भाजपा उम्मीदवार बाबूलाल मरांडी का मुकाबले झामुमो के अलावा माले ने भी अपना उम्मीदवार से है। यहां से झामुमो के निजामुद्दीन अंसारी और माले के राजकुमार यादव मैदान में हैं।
बगोदर – भाकपा माले के विनोद कुमार इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी हैं। यहां उन्होंने 2005, 2009 और 2019 में जीत हासिल की है। इनका मुकाबला भाजपा के नागेंद्र महतो से है।
जमुआ – भाजपा के टिकट पर मंजू देवी चुनाव मैदान में हैं, जबकि झामुमो की टिकट पर केदार हाजरा मैदान में हैं। 2019 के चुनाव में केदार हाजरा भाजपा में थे और मंजू देवी कांग्रेस में दोनों के बीच कड़ा मुकाबला हुआ था और केदार हाजरा ने जीत दर्ज की थी।
गांडेय – कल्पना सोरेन का मुकाबला मुनिया देवी से है। कल्पना सोरेन ने यहां इसी साल हुए उपचुनाव में शानदार जीत हासिल की थी। दूसरी तरफ भाजपा की उम्मीदवार मुनिया देवी हैं। मुनिया देवी गिरिडीह जिला परिषद् की अध्यक्ष रह चुकी हैं और उनकी इलाके में अच्छी पकड़ है।
गिरिडीह – एक बार फिर से झामुमो के सुदिव्य कुमार सोनू और भाजपा के निर्भय शाहाबादी के बीच मुकाबला है। 2019 में सुदिव्य ने निर्भय को मात दी थी। निर्भय शाहबादी भी यहां से दो बार चुनाव जीत चुके हैं।
डुमरी – यहां एक तरफ झामुमो से मंत्री बेबी देवी मैदान में हैं, वह यहां से चार बार के विधायक जगरनाथ महतो की पत्नी हैं, तो वहीं, आजसू पार्टी से यशोदा देवी उन्हें टक्कर दे रही हैं। इन दोनों के बीच जेएलकेएम प्रत्याशी जयराम महतो ने भी इस चुनाव को रोचक बना दिया है।
गोमिया – विधानसभा सीट पर आजसू के लंबोदर महतो को झामुमो के योगेंद्र महतो टक्कर दे रहे हैं। वहीं, जेएलकेएम की पूजा कुमारी ने इस मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है।
बेरमो – विधानसभा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी कुमार जयमंगल सिंह का भाजपा मुकाबला रवींद्र पांडेय से है। वहीं, जेएलकेएम के प्रत्याशी और अध्यक्ष जयराम महतो भी यहां से ताल ठोक रहे हैं। यहां उन्हें लोकसभा चुनाव में अच्छी बढ़त मिली थी।
बोकारो – कांग्रेस की श्वेता सिंह और भाजपा के बिरंची नारायण के बीच टक्कर है। 2014 और 2019 में यहां से बिरंची नारायण ने जीत हासिल की थी। हालांकि 2019 के चुनाव में श्वेता ने बिरंची नारायण को कड़ी टक्कर दी थी। उनके ससुर समरेश सिंह इस सीट पर कई बार विधायक रह चुके हैं।
चंदनकियारी – भाजपा विधायक और नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी का मुकाबला झामुमो के उमाकांत रजक से हैं। अमर कुमार बाउरी यहां से 2014 और 2019 में जीत दर्ज कर चुके हैं। दोनों बार यहां से आजसू के उम्मीदवार रहे उमाकांत रजक ने उन्हें कड़ी टक्कर दी।
सिंदरी – बीजेपी ने इंद्रजीत महतो की पत्नी तारा देवी को उम्मीदवार बनाया है। इंद्रजीत महतो लंबे समय से बीमार चल रहे हैं। उनकी पत्नी तारा देवी जिला परिषद की सदस्य रही हैं। इनका मुकाबला भाकपा माले के चंद्रदेव महतो से है।
निरसा – भाजपा के टिकट पर अपर्णा सेनगुप्ता चुनाव मैदान में हैं। यहां इनका मुकाबला भाकपा माले के उम्मीदवार अरूप चटर्जी से है। अरूप यहां से दो बार विधायक रह चुके हैं। जबकि 2019 में अपर्णा ने यहां जीत दर्ज की थी।
धनबाद – बीजेपी उम्मीदवार राज सिन्हा का मुकाबला कांग्रेस के अजय दुबे से है। राज सिन्हा यहां से 2014 और 2019 में लगातार जीत दर्ज कर चुके हैं। वहीं अजय दुबे 2014 के लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार थे लेकिन वे चुनाव हार गए थे।
झरिया – विधानसभा सीट पर एक बार फिर से देवरानी का मुकाबला अपनी जेठानी से है। यहां कांग्रेस की टिकट पर पूर्णिमा नीरज सिंह उम्मीदवार हैं,तो वहीं भाजपा की टिकट पर रागिनी सिंह मैदान में हैं। पिछली बार भी दोनों आमने-सामने थीं लेकिन जीत पूर्णिमा के हाथ लगी थी।
टुंडी – झामुमो से मथुरा महतो मैदान में हैं। वहीं भाजपा की टिकट पर विकास महतो ताल ठोंक रहे हैं। इनके अलावा जेएलकेएम की टिकट पर मोतीलाल महतोने ने मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है।
बाघमारा – यहां 2014 और 2019 में लगातार ढुल्लू महतो ने जीत दर्ज की, लेकिन अब वह सांसद बन गए हैं। इस सीट से उनके बड़े भाई शत्रुघ्न महतो भाजपा के टिकट पर चुनाव मैदान में हैं। 2019 में जलेश्वर महतो बेहद कम वोटों के अंतर से ढुल्लू महतो से हारे थे।
सिल्ली – विधानसभा सीट पर सबकी नजर रहने वाली है। यहां से झारखंड के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुदेश महतो चुनाव मैदान में हैं। यहां उनका मुकाबला अमित महतो से है। अमित महतो एक बार सुदेश महतो को हरा भी चुके हैं। वहीं इस मुकाबले को और रोचक बना रहे हैं जेएलकेएम प्रत्याशी देवेंद्र नाथ महतो।
खिजरी – यहां से भाजपा के राजकुमार पाहन और कांग्रेस के राजेश कच्छप के बीच मुकाबला है। राजकुमार पाहन 2014 में यहां से विधायक बने थे। जबकि 2019 का चुनाव राजेश कच्छप ने जीता था।