साहिबगंज: गलवन घाटी में शहीद हुए साहिबगंज जिले के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के डिहारी गांव निवासी कुंदन कुमार ओझा का पार्थिव शरीर शुक्रवार की सुबह सड़क मार्ग से यहां पहुंचा। शव को कुछ देर के लिए शहीद के घर के पास बने पंडाल में रखा गया, जहां प्रशासनिक अधिकारियों के साथ-साथ रामगढ़ व दानापुर से आए सैनिकों व परिजनों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। इसके बाद अंतिम यात्रा निकाली गई। साहिबगंज शहर में स्थित मुनीलाल श्मशान घाट पर शहीद का अंतिम संस्कार किया गया। छोटे भाई कन्हैया कुमार ओझा ने उन्हें मुखाग्नि दी।
इससे पहले गुरुवार की शाम हवाई मार्ग से पटना एयरपोर्ट पर शहीद का शव पहुंचा था। वहां सलामी देने के बाद एंबुलेंस से शव को साहिबगंज के लिए रवाना कर दिया गया था। देर रात शव पहुंचने की संभावना थी। हालांकि, लगातार हो रही बारिश की वजह से शव आने में विलंब हुआ। रास्ते में जगह-जगह वाहन रोककर लोगों ने शहीद को श्रद्धांजलि दी। शव के आगमन के मद्दनेजर अलसुबह से ही मिर्जाचौकी में झारखंड की सीमा पर लोग तिरंगा लेकर जमे हुए थे। करीब साढ़े सात बजे शहीद का शव झारखंड की सीमा में घुसा।
बिहार व झारखंड के चेकनाका पर एसडीओ पंकज कुमार साव व एसडीपीओ राजा कुमार मित्रा ने शव को रिसीव किया तथा कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच पैतृक गांव डिहारी पहुंचाया। यहां सेना के जवानों ने शहीद को सलामी दी। इसके बाद उपायुक्त वरुण रंजन, पुलिस अधीक्षक अनुरंजन किस्पोट्टा, भाजपा सांसद सुनील सोरेन, पूर्व मंत्री डॉ लुईस मरांडी, राज पलिवार, झामुमो के केंद्रीय सचिव पंकज मिश्रा, भाजपा नेता गणेश तिवारी, शिक्षक नेता जंग बहादुर ओझा तथा जिले के आला अधिकारियों व ग्रामीणों ने शहीद को श्रद्धांजलि दी।
श्रद्धांजलि के पश्चात ताबूत को घर के अंदर ले जाया गया जहां पत्नी ने उनका अंतिम दर्शन किया। इसके बाद शवयात्रा शुरू हुई। करीब साढ़े आठ बजे डिहारी गांव से अंतिम यात्रा शुरू हुई। 10.45 बजे शव जिला मुख्यालय में स्थित मुनीलाल श्मशान घाट पहुंचा जहां उनका अंतिम संस्कार किया गया।