मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में गुरुवार को झारखंड कैबिनेट की बैठक में 17 महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर सहमति बनी है। इन प्रस्तावों में सबसे अहम नई उत्पाद मदिरा नीति है जिस पर सरकार ने अपनी मुहर लगा दी है। यानी राज्य में अब से नयी उत्पाद नीति एक माह में लागू की जायेगी। राज्य में नयी मदिरा की मुख्य बात यह है कि अब शराब की खुदरा बिक्री निजी हाथों में चली जायेगी, जबकि होलसेल का जिम्मा राज्य सरकार ( जेएसबीसीएल) के हाथों में रहेगा।
गुरुवार को प्रोजेक्ट भवन में हुई कैबिनेट की बैठक के बाद लिए गए फैसलों की जानकारी कैबिनेट सचिव वंदना दादेल ने दी। उन्होंने बताया कि राज्य में मदिरा की कुल 1,453 शराब की दुकानें हैं। नई नीति के अनुसार अब सभी दुकानों का आवंटन लॉटरी के माध्यम से होगा। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई। इसमें कुल 17 प्रस्तावों पर मुहर लगी।।
झारखंड की नयी उत्पाद नीति की मुख्य बातें
- झारखंड बेवरेज कॉरपोरेशन लिमिटेड शराब की होलसेल बिक्री की जिम्मेदारी संभालेगा।
- एक व्यक्ति या समूह को एक जिले में अधिकतम 12 दुकानें और पूरे राज्य में 36 दुकानें मिल सकेंगी।
- बड़े मॉल और डिपार्टमेंटल स्टोर्स में भी शराब बिक्री की अनुमति दी जाएगी।
- सरकार मॉडल शॉप्स खोलेगी, जहां केवल पॉपुलर ब्रांड की शराब उपलब्ध होगी।
- सरकारी ठेकों को खत्म कर अब निजी दुकानें खुलेंगी, जिससे शराब के दाम स्थिर रह सकते हैं।
- राज्य सरकार का बड़ा फैसला 70 वर्ष से अधिक उम्र वालों का पांच लाख का बीमा