झारखंड की उपराजधानी दुमका के लोगों के लिए अच्छी खबर है। खबर यह है कि दुमका से बासुकीनाथ तक बनने वाली फोरलेन सड़क की टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। एनएच 114-ए के इस सड़क निर्माण के लिए टेंडर सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने आमंत्रित किया था। दुमका से बासुकीनाथ तक बनने वाली फोरलेन सड़क निर्माण की प्रोजेक्ट राशि 189.36 करोड़ रुपये है।
दो वर्ष में इस कार्य को पूरा कराने की मियाद तय की गई है। टेंडर की प्रक्रिया में कुल छह कार्यकारी एजेंसियों ने भाग लिया था, जिसमें ऑल वन इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड ने सबको पछाड़ते हुए बाजी मार ली है। ऑल वन इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड फिलहाल देवघर से बासुकीनाथ फोरलेन सड़क निर्माण का काम भी पेटी कॉन्ट्रेक्ट पर लेकर करा रहा है।
देवघर से बासुकीनाथ तक फोरलेन सड़क निर्माण का काम पंजाब की गावर नामक कार्यकारी एजेंसी को मिला है जिससे तय मानकों के तहत एकरारनामा कर यह काम भी आल वन करा रही है। देवघर से बासुकीनाथ तक फोरलेन सड़क का निर्माण कार्य एनएचआइ के जिम्मे है।
साल के अंत तक काम शुरू होने की है संभावना
टेंडर की प्रक्रिया के बाद कार्य आवंटित कर कार्यादेश निर्गत करने की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। एनएच 114 ए के कार्यपालक अभियंता रामपद मांझी बताते हैं कि इस माह के अंत तक कार्यादेश देने की प्रक्रिया संभवत: पूरी हो जाएगी। कहा कि इस पथ का निर्माण हेम मोड पर कराया जाना है।
इसके लिए एकरारनामा के उपरांत छह माह का समय कार्यकारी एजेंसी को तमाम प्रक्रियाएं पूरी कर काम शुरू कराने के लिए दिए जाने का प्राविधान है। ऐसे में यह उम्मीद है कि इस साल के अंत तक दुमका-बासुकीनाथ फोरलेन पथ का निर्माण काम शुरू हो जाएगा। कहा कि इसके लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया भी चल रही है।
टेंडर में हिस्सा लेने वाली कार्यकारी एजेंसियां
आल वन इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स श्रीराम इंटरप्राइजेज, त्रिवेणी इंजीकाम प्राइवेट लिमिटेड, कोल माइंस एसोसिएडेट ट्रेर्डस प्राइवेट लिमिटेड, राजवीर कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड एवं सिद्धार्थ कंस्ट्रक्शन ने टेंडर की प्रक्रिया में हिस्सा लिया था। इसमें ऑल वन इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड ने फाइनांसियल बीड में 168.49 करोड़ रुपये की राशि डालकर एल वन श्रेणी में सबसे उपर है।
ऑल वन ने तकरीबन 11.02 प्रतिशत नीचे जाकर टेंडर की राशि कोट किया है, जबकि दूसरे नंबर पर श्रीराम इंटरप्राइजेज है। जिसने 179.00 करोड़ रुपये राशि डाली थी जो निर्धारित दर से 5.47 प्रतिशत नीचे है। जबकि छठे नंबर मेसर्स सिद्धार्थ कंस्ट्रक्शन ने 247.91 करोड़ रुपये राशि कोट किया था जो निर्धारित दर से तकरीबन 30.92 प्रतिशत ज्यादा है।