रांची: साल 2020 का तीसरा चंद्र ग्रहण पांच जुलाई को लगेगा। दुनिया के विभिन्न हिस्सों में इसका असर देखने को मिलेगा। भारत में इसका कोई प्रभाव नहीं देखने को मिलेगा। इस कारण चंद्रग्रहण का कोई सूतक काल(अशुभ काल) नहीं होगा और न ही ग्रहण का किसी राशि पर नकारात्मक असर पड़ेगा। ज्योतिष डॉ एसके घोषाल के अनुसार दुनिया के विभिन्न हिस्सो में अलग-अलग समय चंद्र ग्रहण का प्रभाव पड़ेगा। पूर्ण सूर्य ग्रहण सात सितंबर 2025 को देखने को मिलेगा।
साल 2020 में कुल छह ग्रहण का संयोग
वर्ष 2020 के चार चंद्र ग्रहण और दो सूर्य ग्रहण का संयोग है। दो चंद्र ग्रहण और एक सूर्य ग्रहण बीत चुका है। तीसरा चंद्रग्रहण पांच जुलाई को और चौथा और अंतिम चंद्रग्रहण 30 नवंबर को लगेगा। वहीं, बीते 21 जून को पहला सूर्य ग्रहण लगा और दूसरा सूर्य ग्रहण साल के अंतिम माह 14 दिसंबर को देखने को मिलेगा।
क्या है सूतक काल
चंद्र ग्रहण का सूतक काल नौ घंटे पहले आरंभ हाेता है। मान्यतानुसार सूतक काल के दौराण पूजा-अर्चना, मंदिर के गर्भ गृह में प्रवेश वर्जित होता है। यहां तक भोजन-पानी भी वर्जित माना गया है। ग्रहण काल में ईष्ट देव की आराधना, ध्यान आदि का लाभदायक परिणाम मिलता है। डॉ एसके घोषाल के अनुसार ग्रहण के नौ घंटा पहले सूतक काल लग जाता है। इसे अशुभ काल कहते हैं। यही कारण है कि इस समय शुभ कार्य की मनाही होती है।
अमेरिका में चार जुलाई की रात लगेगा ग्रहण
अमेरिका में चंद्र ग्रहण का प्रभाव पौन तीन घंटा तक देखा जा सकता है। लास एंजिल्स की बात करें तो यहां चंद्र ग्रहण चार जुलाई की रात 8:05 मिनट में आरंभ होगा जो कि 10:52 मिनट तक रहेगा। वहीं, केपटाउन में पांच जुलाई की सुबह पांच बजे तक रहेगा।
- चंद्र ग्रहण : पांच जुलाई
- प्रथम स्पर्श : सुबह 8:37
- अंतिम स्पर्श : दोपहर 11:32
- कुल अवधि : करीब दो घंटे 43 मिनट