Gen-Z के आंदोलन में नेपाल की पूरी सत्ता उखड़ गई है. मंगलवार, 9 सितंबर को प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के इस्तीफे के बाद अब राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने भी रिजाइन कर दिया है. तकरीबन 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध लगाने के बाद नेपाल में युवा सड़कों पर उतर आए थे. सोमवार को पुलिस की गोली लगने से 19 प्रदर्शनकारियों की मौत ने मामला और बिगाड़ दिया.
इससे आक्रोशित आंदोलनकारी युवाओं ने पीएम ओली के सोशल मीडिया बैन वापस लिए जाने के फैसले को भी दरकिनार कर दिया. वे संसद भवन तक पहुंच गए और उसे आग लगा दी. राष्ट्रपति पौडेल के निजी आवास पर भी आगजनी की गई. इतना ही नहीं, वित्त मंत्री विष्णु पौडेल को सड़क पर भीड़ ने दौड़ा दिया. एक प्रदर्शनकारी ने उन्हें लात भी मारी जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है. ओली सरकार में उपप्रधानमंत्री रहे प्रकाशमान सिंह के घर और गाड़ी में प्रदर्शनकारियों ने आग लगा दी और चुन-चुन कर नेताओं और मंत्रियों के घर पर हमले शुरू कर दिए.
इससे पहले आंदोलन की उग्रता को देखते हुए सबसे पहले गृह मंत्री रमेश लेखक, कृषि मंत्री रामनाथ अधिकारी, स्वास्थ्य मंत्री प्रदीप पौडेल और जल आपूर्ति मंत्री प्रदीप यादव ने इस्तीफा दिया था. बाद में यह सिलसिला प्रधानमंत्री और फिर राष्ट्रपति तक पहुंच गया.
कब-क्या हुआ
केपी शर्मा ओली की सरकार ने 4 सितंबर को नेपाल में फेसबुक, ट्विटर और वाट्सएप समेत 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंध लगा दिया था. इसके बाद 8 सितंबर को नेपाल में जेन-जी प्रोटेस्ट शुरू हो गए. काठमांडू की सड़कों पर हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी जुटे तो प्रशासन ने सख्ती दिखानी शुरू कर दी. जिसके जवाब में प्रदर्शन करने वाले लड़कों ने सरकारी भवनों में तोड़फोड़ की कोशिश की. बेकाबू भीड़ को कंट्रोल करने के लिए पुलिसकर्मियों ने गोलियां चलाईं, जिनमें 19 लोगों की मौत हो गई.
इसके बाद से आंदोलन और ज्यादा हिंसक हो गया. मंगलवार 9 सितंबर को विरोध प्रदर्शन के दबाव में केपी शर्मा ओली के मंत्रियों ने इस्तीफा देना शुरू कर दिया. दोपहर तक खुद प्रधानमंत्री ने भी राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल को अपना इस्तीफा सौंप दिया, जिसे पौडेल ने स्वीकार कर लिया और अगले मंत्रिपरिषद के गठन तक निवर्तमान मंत्रिपरिषद को कार्य करते रहने का आदेश दिया. इसके कुछ ही घंटों बाद अब रामचंद्र पौडेल ने भी राष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया है.