झारखंड के रामगढ़ जिले के गोला प्रखंड अंतर्गत गोला वन क्षेत्र के परसाडीह जंगल में गुरुवार सुबह एक हृदयविदारक घटना घटी। यहां एक हथिनी अपने शावक के साथ खुले कुएं में गिर गई, जिससे इलाके में हड़कंप मच गया। ग्रामीणों ने तुरंत वन विभाग को सूचना दी, और विभाग की टीम ने कई घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद जेसीबी मशीन की मदद से दोनों हाथियों को सकुशल बाहर निकाल लिया।
जानकारी के मुताबिक, गोला वन क्षेत्र में वर्तमान में एक दर्जन से अधिक जंगली हाथी डेरा डाले हुए हैं। इनमें से तीन हथिनियों ने हाल ही में शावकों को जन्म दिया है। बताया जा रहा है कि हाथियों का झुंड जंगल की ओर जा रहा था, इसी दौरान हथिनी और उसका शावक झुंड से बिछड़ गए और अचानक खुले कुएं में गिर पड़े। कुएं में गिरते ही हथिनी की चिंघाड़ से आसपास के ग्रामीण जाग उठे। घटनास्थल पर ग्रामीणों की भारी भीड़ जमा हो गई, लेकिन सभी ने वन विभाग के निर्देशों का पालन करते हुए सुरक्षित दूरी बनाए रखी।
सूचना मिलते ही रामगढ़ वन विभाग की रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंची। टीम ने सबसे पहले कुएं के आसपास सुरक्षा का घेरा डाला और जेसीबी मशीन बुलाई। लगभग चार-पांच घंटों की मशक्कत के दौरान टीम ने कुएं की दीवार से स्लोप रास्ता बनाया, जिसमें मिट्टी काटकर हाथियों के लिए सुरक्षित निकासी का मार्ग तैयार किया गया। इसके बाद हथिनी और शावक को धीरे-धीरे ऊपर चढ़ाया गया। दोनों हाथी घायल नहीं हुए हैं और अब जंगल की ओर रवाना हो चुके हैं।
यह घटना गोला वन क्षेत्र में पहली नहीं है। लगभग 10 साल पहले भी इसी इलाके में एक हथिनी और उसके शावक कुएं में गिरे थे, जिन्हें वन विभाग और ग्रामीणों के सहयोग से सुरक्षित निकाला गया था। वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि क्षेत्र में हाथियों की बढ़ती संख्या के कारण खुले कुओं और अन्य खतरे वाली संरचनाओं को ढकने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। साथ ही, ग्रामीणों से अपील की गई है कि हाथी दर्शन होने पर शोर मचाने या उनको भगाने की कोशिश न करें, बल्कि वन विभाग को सूचना दें।
गोला वन क्षेत्र जंगली हाथियों का प्रमुख प्रवास मार्ग है, जहां मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाएं आम हैं। वन विभाग ने स्थानीय पंचायतों के साथ मिलकर निगरानी बढ़ाने का फैसला लिया है, ताकि ऐसी दुर्घटनाओं को रोका जा सके। इस सफल रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए ग्रामीणों और वनकर्मियों ने एक-दूसरे को बधाई दी।