नवरात्रि का आज पांचवा दिन है. पांचवें दिन मां स्कंदमाता का पूजन किया जाता है. मां के नौ रूपों में यह रूप मां व पुत्र के प्रेम के रूप में जाना जाता है. सिंह पर सवार मां पुत्र स्कंद को अपने गोद में बैठाई हुई है. जिससे उन्हीं के नाम से मां को जाना जाने लगा. नवरात्रि के पांचवें दिन मां का विशेष पूजन करना चाहते हैं तो पीले वस्त्र से पूजागृह को सजाए. इसके साथ ही केले व मखाना से बने प्रसाद को भोग लगाए. ऐसा करने से मन प्रसन्न होता हैं और मां आरोग्य की प्राप्ति का आशीर्वाद देती है.
विंध्यधाम के विद्यवान आचार्य पं. अनुपम महराज ने लोकल 18 से बताया कि नव दिवसीय नवरात्रि का आज पांचवा दिन है. आज स्कंद माता का पूजन किया जाता है. स्कंद माता शेर पर सवार होकर स्कंद को गोद में लेकर बैठी हुई है. ये मां और पुत्र का सबसे उत्तम स्वरूप है, जिसमें मां अपने पूत्र को भ्रमण करा रही है और यात्रा करा रही है. मां को स्कंद के नाम से ही जाना जाता है. आज के दिन कार्तिकेय पुजन और माता पूजन किया जाता है. आज के दिन ही बहुत जगहों पर काली और दुर्गा की प्रतिमाएं स्थापित की जाती है. पंचमी को स्थापित करने के बाद दशमी पर विसर्जन किया जाता है.
केले से बने सामानों के लगाए भोग
पं. अनुपम महराज ने बताया कि आज के दिन मां को दिव्य भोग लगाना चाहते हैं तो मखाने को प्रसाद में जरुर शामिल करें. मखाने का भोग लगाने के बाद प्रसाद को खाना चाहिए. मां को पीला वस्त्र अत्यंत प्रिय है. ऐसे में मां को पूजन के वक्त पीला वस्त्र चढ़ाना चाहिए. वहीं, केले से बने सामानों का भी भोग लगाना चाहिए. इससे आरोग्यता की प्राप्ति होती है और धन-धान्य की भी प्राप्ति होती है. मां का विधि से पूजन करने पर भक्तों के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं और मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है.
पं. अनुपम महराज ने बताया कि आज के दिन मां को दिव्य भोग लगाना चाहते हैं तो मखाने को प्रसाद में जरुर शामिल करें. मखाने का भोग लगाने के बाद प्रसाद को खाना चाहिए. मां को पीला वस्त्र अत्यंत प्रिय है. ऐसे में मां को पूजन के वक्त पीला वस्त्र चढ़ाना चाहिए. वहीं, केले से बने सामानों का भी भोग लगाना चाहिए. इससे आरोग्यता की प्राप्ति होती है और धन-धान्य की भी प्राप्ति होती है. मां का विधि से पूजन करने पर भक्तों के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं और मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है.