झारखंड के हजारीबाग सेंट्रल जेल में एक बड़ा प्रशासनिक फेरबदल और कार्रवाई हुई है। जेलर दिनेश वर्मा समेत 12 लोगों को निलंबित कर दिया गया है। इसके साथ ही जेल से जुड़े एक पूर्व सिपाही अशोक शर्मा को पुलिस ने हिरासत में लिया है।
यह कार्रवाई जेल आईजी के निर्देश पर की गई है और इसके बाद से जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया है।
🚔 पूर्व सिपाही को बिहार से पकड़ा गया
मिली जानकारी के अनुसार, पूर्व सिपाही अशोक शर्मा को पुलिस की एक विशेष टीम ने बिहार के जहानाबाद से हिरासत में लिया है।
फिलहाल पुलिस उससे पूछताछ कर रही है।
बताया जा रहा है कि मामले में कई संवेदनशील बिंदुओं पर जांच जारी है और आने वाले दिनों में कुछ और अधिकारियों पर भी कार्रवाई हो सकती है।
⚖️ छह भूतपूर्व सैनिकों की सेवा समाप्त
जेल प्रशासन ने जेल में कार्यरत छह भूतपूर्व सैनिकों की सेवा भी समाप्त कर दी है।
सभी को प्रारंभिक जांच के निष्कर्षों के आधार पर हटाया गया है।
हालांकि अभी तक निलंबन के कारणों की आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि जेल के अंदर नियमों के उल्लंघन और कुछ कैदियों को अनुचित सुविधा देने जैसे मामलों की जांच चल रही है।
📑 प्रारंभिक जांच पर आधारित कार्रवाई
जानकारी के मुताबिक, यह कार्रवाई प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के निष्कर्षों पर आधारित है।
मामले की विस्तृत जांच अब भी जारी है, और पूरी जांच रिपोर्ट आने के बाद ही वास्तविक कारणों का खुलासा किया जाएगा।
जेल प्रशासन ने इस पर आधिकारिक बयान देने से फिलहाल इनकार किया है।
🕵️♂️ जेल में बंद हैं कई हाई-प्रोफाइल कैदी
गौरतलब है कि हजारीबाग सेंट्रल जेल में इस समय कई हाई-प्रोफाइल कैदी बंद हैं, जो गंभीर मामलों में गिरफ्तार किए गए हैं।
सूत्रों के मुताबिक, जेल के भीतर कुछ कैदियों को सुविधाएं मुहैया कराने को लेकर यह कार्रवाई की गई हो सकती है।
हालांकि इस संबंध में अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
📌 जांच जारी, खुलासे की प्रतीक्षा
फिलहाल पूरे मामले की जांच वरिष्ठ अधिकारियों की निगरानी में जारी है।
अधिकारियों का कहना है कि जांच पूरी होने के बाद ही यह स्पष्ट होगा कि निलंबन और हिरासत की असल वजह क्या थी।
जेल प्रशासन की इस कार्रवाई ने न सिर्फ हजारीबाग बल्कि पूरे राज्य के जेल तंत्र में हलचल मचा दी है।