कोयलांचल संवाद संवाददाता रांची: सात जुलाई को भारत सरकार ने गजट प्रकाशित किया है, इसमें पुराने लेबर लो में संशोधन किया है। यह संशोधन मजदूरों के हित में नहीं है, इस संशोधन से सरकार विदेशी उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाना चाहती है। यह कानून ठेकेदारों के पक्ष में बनाया गया है। यह बातें एकलव्य टॉवर स्थित एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेता सह पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी ने कहां। केएन त्रिपाठी ने बताया कि इन्हें इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन इंटेक कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया है, यह मेरे लिए स्वभाग्य की बात है। उन्होंने कहा कि इस जिम्मेवारी को ईमानदारी पूर्वक निर्वाहन करूंगा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने कैसे यह फैलसा लिया की देश में मजदूरों को अधिकतम ढाई लाख रूपए ही बोनस मिलेंगे। उन्होंने कहा कि अगर देश में कोई सामान बेची जाएगी तो इसका लाभ मजदूरों को नहीं मिलेगा। ढाई लाख से अधिक बोनस नहीं मिलना, न्याय संगत नहीं है, नीति संगत नहीं है और मजदूरों के हक में नहीं है।
केएन त्रिपाठी ने कहां से देश के प्राकृतिक संसाधनों का अगर कोई सरकार दोहन करती है तो इसके लाभ को चार हिस्सा में बाट ना चाहिए। एक हिस्सा जो पूंजी लगता है, दूसरा हिस्सा सरकार टैक्स के रूम में ले, तीसरा हिस्सा जहां के प्राकृतिक संसाधनों का दोहन होता है उस क्षेत्र के लोगों को मिले और चौथा हिस्सा मजदूरों को मिलना चाहिए। लेकिन सरकार ने मजदूरों को हिस्सा देने वाले कानून में संशोधन कर दिया है।
सरकार जो कानून बना रही है वह मजदूरों के हित में नहीं बना रही है। हमें मजदूरों के हित में काम करना है उनके हक के लिए आवाज उठाना है। साथ ही सरकार पर दबाव देकर मजदूरों के हित में कानून बनाएंगे, और बनवाएंगे। उन्होंने कहा कॉल ब्लॉक नीलामी को लेकर तीन दिवसीय हड़ताल काफी सफल हुआ था, 18 अगस्त को भी एक दिवसीय हड़ताल का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा इंटेक सरकार को एक प्रस्ताव सरकार को देखता रही है अगर सरकार उस प्रस्ताव को नहीं मानती है तो इनटेक पूरे भारतवर्ष में हड़ताल करेंगी। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा हड़बड़ी में लिए जा रहे फैसले में संशोधन करे और मजदूरों के हित में फैसला ले।
कोरोना महामारी से पूरे भारत में मजदूर त्रस्त है
इंटक के कार्यकारी अध्यक्ष के त्रिपाठी ने कहा कि कोरोना महामारी से पूरे देश में मजदूर त्रस्त है। मजदूरों को मजदूरी मिले इसके लिए सरकार से वार्तालाप की जाएगी और सरकार से मजदूरों के हक में रोजगार मांगा जाएगा। आप भी कई ऐसे मजदूर है जो लगातार बेरोजगारी से तरफ से और कंगी की हालत में आत्महत्या कर रहे हैं। उन्हें इंटेक से जोड़कर रोजगार दिलाने का प्रयास किया जाएगा। भारत में मीडिया जगत में भी पत्रकारों की स्थिति कोरोना के कारण काफी खराब हो गई है। हम पत्रकारों के हित में भी लगातार आवाज उठाते आए हैं और आगे भी उठाते रहेंगे। त्रिपाठी ने कहा कि हम सरकार से ऐसी नीति बनाने की मांग करेंगे जिससे मजदूरों को यूनियन इंटेक के साथ जोड़ा जा सके। उन्होंने कहा राज के अंदर मुख्यमंत्री श्रम मंत्री से मिलकर राज्य के मजदूरों को रोजगार दिलाने के लिए आवाज उठाई जाएगी।