बिहार विधानसभा चुनाव से पहले गुप्तेश्वर पांडेय ने मंगलवार को डीजीपी के पद से वीआरएस ले लिया। सरकार ने इसे मंजूर भी कर लिया। पांडेय के जदयू के टिकट से विधानसभा या फिर लोकसभा का उपचुनाव लड़ने की चर्चा है। हालांकि, पूर्व डीजीपी ने साफ तौर पर अब तक सियासी पारी पर कुछ साफ नहीं किया है। गुप्तेश्वर ने गुरुवार को कहा- बिहार की जनता मुझे पसंद करती है। मैं कहीं से भी चुनाव जीत सकता हूं। मुझे 14 सीटों से चुनाव लड़ने का ऑफर मिल रहा है।
क्या राजनीतिक दल में शामिल होना गलत या अवैध है
मीडिया से बातचीत के दौरान जदयू में शामिल होने के सवाल पर गुप्तेश्वर ने कहा- क्या राजनीति करना या फिर किसी राजनीतिक दल में शामिल होना अवैध है? अभी इस संबंध में कुछ नहीं कह सकता। जल्द ही आप लोगों को अपने फैसले के बारे में बताऊंगा। मेरे वीआरएस को अभिनेता सुशांत सिंह मौत मामले से जोड़ने की जरूरत नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा कि मैंने जो कुछ किया वह सही था।
बेदाग रहा करियर
एक सवाल के जवाब में गुप्तेश्वर ने कहा- मेरे खिलाफ रोज अफवाह उड़ाई जा रहीं थीं कि चुनाव लड़ने के लिए मैं इस्तीफा देने वाला हूं। मुझे विवादित बनाया जा रहा था। चुनाव सामने है। ऐसी स्थिति में अगर मैं चुनाव कराता, तो विपक्ष चुनाव आयोग से मेरी शिकायत करता। और अगर चुनाव आयोग मुझे हटा देता तो कितनी बेइज्जती होती। मेरा 34 साल का करियर बेदाग रहा है। करियर के आखिरी पड़ाव पर मैं इसमें दाग नहीं लगने दे सकता था। मेरे खिलाफ इस तरह का माहौल बना दिया गया था कि निर्वाचन आयोग को मुझे हटाना पड़े। मेरे खिलाफ साजिश हो रही थी। इसके चलते मैंने वीआरएस लेने का फैसला किया।