झामुमो प्रत्याशी बसंत सोरेन ने दुमका विधानसभा सीट से सोमवार को दो सेट में नामांकन दाखिल किया। बसंत सोरेन ने निर्वाची पदाधिकारी सह अनुमंडल पदाधिकारी दुमका महेश्वर महतो को अपना नामांकन पर्चा सौंपा। नामांकन से पूर्व उन्होंने दिशोम मांझी धाम में पूजा अर्चना भी की। इस मौके पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी दुमका पहुंचे। हालांकि नामांकन के दौरान दुमका समाहरणालय में हेमंत सोरेन छोटे भाई के साथ मौजूद नहीं रहे। बसंत सोरेन झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन के छोटे बेटे और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के छोटे भाई हैं।
जीत के प्रति आश्वस्त दिखे बसंत सोरेन
बसंत सोरेन ने कहा कि यहां की जनता मेरी मजबूती है। उन्होंने कहा कि यहां की जनता पर मुझे पूरा भरोसा है। बसंत सोरेन ने कहा कि पिछली सरकार के इतने ज्यादा मुद्दे रहे हैं जिनको सुलझाने में हेमंत सोरेन परेशान है। हेमंत सोरेन की सरकार ने अभी चलना शुरू किया है। उन्होंने कहा कि जीतने के बाद मैं सबसे पहले मैं जनता के बीच बैठूंगा, कई परेशानियां हैं जो मेरे पास डायरी में नोट हैं। लेकिन फिर भी जनता से परेशानियों को जानकर समझकर उनपर काम करुंगा। बसंत सोरेन ने कहा कि पार्टी को शायद लगा होगा कि मैं कुछ बेहतर करता हूं इसलिए मुझे ये उत्तर दायित्व दिया गया है। उन्होंने भरोसा जताया कि चुनाव में झामुमो की जीत होगी।
बसंत सोरेन पर विरासत बचाने का दबाव
बसंत सोरेन पर सोरेन परिवार की राजनीति को आगे बढ़ाने और विरासत को बचाने का दबाव है। बसंत सोरेन अपने बड़े भाई हेमंत सोरेन और पिता शिबू सोरेन को राजनीति में सक्रिय रहकर जनता से जुड़ाव का हर एक पहलू देखा है। अब पहली बार वे चुनाव मैदान में उतरे हैं तो उनपर पिता और बड़े भाई की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने का दबाव है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा खाली करने के कारण ही दुमका सीट पर उप चुनाव होने जा रहा है। 2019 के विधानसभा चुनाव में हेमंत सोरेन दुमका और बरहेट दोनों सीटों से चुनाव जीते थे। दो सीट से जीतने के कारण उन्होंने एक सीट (दुमका) छोड़ दी थी। 3 नवम्बर को झारखंड में दुमका के साथ ही बेरमो सीट पर उप चुनाव होगा।
झामुमो प्रत्याशी बसंत सोरेन के नामांकन का पर्चा भरने के अवसर पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ ही उनके मंत्रिमंडल के कई सहयोगियों के अलावा झामुमो के कई विधायक और पार्टी के प्रमुख नेता दुमका में मौजूद थे। इधर, दुमका सीट पर हो रहा उप चुनाव मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और झामुमो के लिए प्रतिष्ठा वाली सीट बन गई है। इसके दो कारण हैं। पहला तो यह सीट मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा खाली की हुई सीट है और दूसरा कि सीएम के भाई बसंत सोरेन इस सीट से चुनाव लड़ने जा रहे हैं। बसंत सोरेन झामुमो के अंदर कई वर्षों से सक्रिय रहे हैं।
2019 विधानसभा चुनाव में बसंत ही संभाल रहे थे कमान
माना जा रहा है कि 2019 विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री को जिताने में बसंत सोरेन की बड़ी भूमिका रही थी। उन्हीं की रणनीति भी बनाई हुई थी। झारखंड युवा मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष बसंत सोरेन एक बार राज्य सभा का चुनाव भी लड़ चुके हैं। 2019 के चुनाव में झामुमो प्रत्याशी हेमंत सोरेन ने भाजपा प्रत्याशी डॉक्टर लुइस मरांडी को 13,188 वोट से हराया था।