रांची: प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि केंद्र सरकार ने डीवीसी (दामोदर घाटी निगम) के मामले में राज्य सरकार का 1417 करोड रुपए काटकर न सिर्फ झारखंड सरकार को परेशान करने का प्रयास किया है। बल्कि सरकार को और अस्थिर करने का भी प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के रवैए की वजह से संघीय ढांचे को नुकसान पहुंच रहा है। झारखंड के अलावा कई अन्य राज्य ऐसे हैं, जिन पर डीवीसी का झारखंड से भी ज्यादा राशि बकाया है। लेकिन उन राज्यों में पैसे की कटौती नहीं की गई। दूसरी ओर त्रिपक्षीय समझौते के नाम पर आदिवासी बहुल झारखंड राज्य के पैसे की कटौती कर यहां की जनता को पीड़ा पहुंचाई जा रही है।
जिस त्रिपक्षीय समझौते के नाम पर यह राशि काटी गई है। उस समय केंद्र और राज्य में डबल इंजन की सरकार थी और उसी रघुवर सरकार ने इस तरह का गलत समझौता किया। राजेश ठाकुर गुरुवार को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में मीडिया को संबोधित कर रहे थे। उनके साथ प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष केशव महतो कमलेश प्रवक्ता अजय नाथ शहदेव रांची जिला ग्रामीण अध्यक्ष सुरेश बैठा प्रवक्ता अमूल्य नीरज खलखो भी मौजूद थे।
राजेश ठाकुर ने कहा कि केंद्र सरकार का रवैया राज्य सरकार के प्रति जो लगातार दिख रहा है, उससे स्पष्ट है कि झारखंड सरकार को आर्थिक रूप से कमजोर करने का प्रयास केंद्र सरकार द्वारा किया जा रहा है। लेकिन इससे राज्य के लोग डरने वाले नहीं हैं। बल्कि कांग्रेस झारखंड में हो रहे उपचुनाव के बाद आंदोलन करने की तैयारी कर रही है। केंद्र सरकार को ऐसे ही चुपचाप बैठने नहीं दिया जाएगा। जिस जनविरोधी फैसले के कारण पूर्व सीएम रघुवर दास को सत्ता से बेदखल होना पड़ा, उसी तरह केंद्र सरकार भी जनविरोधी निर्णय की वजह से भविष्य में सड़क पर आ जाएगी।
पूर्व सीएम रघुवर दास द्वारा अप्रिय शब्द बोले जाने के मामले में भी राजेश ठाकुर ने उनकी कड़ी आलोचना की और कहा कि जिस तरह से वह बयान दे रहे हैं, उससे यह लगता है कि वह जानबूझकर चाहते हैं कि लोग प्रधानमंत्री को अपशब्द कहे लेकिन ऐसा नहीं होने वाला है। उन्होंने कहा कि जिस तरह सीएम बनने के बाद रघुवर दास ने अपना संतुलन खो दिया था। उसी तरह से अब भाजपा का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाए जाने के बाद उन्होंने फिर से अपना संतुलन बिगाड़ दिया है। उनके बयान पर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दीपक प्रकाश और केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने भी कहा है कि ऐसी हरकत बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
राजेश ठाकुर ने कहा कि राज्य के 12 भाजपा सांसद चुपचाप तमाशा देख रहे हैं। झारखंड की राशि काटे जाने के बाद भी उन्होंने प्रधानमंत्री से इस मामले में एक शब्द भी नहीं कहा। उन्होंने कहा कि राज्य की बड़ी राशि जीएसटी, रॉयल्टी, लगान एवं अन्य मद में केंद्र सरकार के पास बकाया है। लेकिन उस राशि का समायोजन ना कर 1417 करोड़ रुपए काट लिया जाना, राज्य की गरीब जनता के साथ बेईमानी है। केंद्र सरकार राज्यों को लोन लेने की बात कह रही है। वह चाहती है कि महाजन व्यवस्था को लागू कर दिया जाए। लेकिन ऐसा नहीं होने दिया जाएगा। दुमका और बेरमो उप चुनाव में जनता इसका जवाब देगी।
केंद्र के निर्देश पर आरबीआई ने राज्य के खाते से काटे बकाए के 1418 करोड़ रु.
बताते चलें कि बीते बुधवार को राज्य सरकार के खाते से डीवीसी की बकाए का एक किस्त 1418 करोड़ (25%) रुपए काट लिया था। इससे राज्य के खजाने में केवल 513 करोड़ ही बचा है। इस स्थिति से निपटने के लिए राज्य सरकार ने बाजार ऋण से 1000 करोड़ रुपए लेने के लिए आवेदन किया है। केंद्र के निर्देश पर आरबीआई ने राज्य के खाते से इंटर एकाउंटस ट्रांसफर द्वारा राशि काटकर ऊर्जा मंत्रालय को दे दी है। उधर, डीवीसी का ऊर्जा विकास निगम पर 5608 करोड़ रुपए बकाया है। पिछले माह केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने डीवीसी के बकाया मद की यह राशि 26 सितंबर तक चुकाने का नोटिस राज्य सरकार को दिया था। 4 किस्तों में राशि काटने की चेतावनी दी थी।