झारखंड विधानसभा के विशेष सत्र में बुधवार को आदिवासी/सरना धर्म कोड को केंद्र सरकार को भेजने संबंधी प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इसे विधानसभा में दोपहर 1:12 बजे पेश किया। सीएम के इस प्रस्ताव को सदन के सभी सदस्यों ने ध्वनिमत से इसे पारित कर दिया। अब यह केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। उधर, विशेष सत्र में दुमका और बेरमो के नवनिर्वाचित विधायक बसंत सोरेन और कुमार जयमंगल सिंह ने पद एवं गोपनियता की शपथ ली। विधानसभा अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो ने उन्हें शपथ दिलाई।
मुख्यमंत्री ने कहा- सरना धर्म कोड के प्रस्ताव पर न हो राजनीति
इससे पहले इस पर चर्चा के दौरान सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। आदिवासी/सरना धर्म कोड आज की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सदन से पहले इस पर टीएसी (ट्राइबल अफेयर कमेटी) में चर्चा होनी चाहिए। लेकिन टीएसी के गठन में कुछ तकनीकी परेशानी आई। इसके कारण उसका गठन नहीं हो सका। सरकार ने एक बार फिर राज्यपाल के समक्ष इसे रखा है। जल्द इसका गठन होगा और वह अपना काम करेगी।
आदिवासी ऑब्लिग सरना धर्म कोड के प्रस्ताव पर भाजपा ने उठाए सवाल
इससे पहले सदन में चर्चा की शुरुआत के दौरान BJP के विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा ने कहा कि यह प्रस्ताव राजनीति से प्रेरित लगती है। उन्होंने कहा कि BJP को आदिवासी ऑब्लिग सरना पर आपत्ति है। उन्होंने कहा कि या तो सरना धर्म को लाया जाए या आदिवासी सरना धर्म कोड का प्रस्ताव लाया जाए। उन्होंने कहा कि भाजपा इस शर्त के साथ इस बिल का समर्थन करती है। लेकिन सरकार इस पर राजनीति कर रही है। चुनाव के दौरान इस बात की घोषणा की गई कि सरकार इस प्रस्ताव को केंद्र के पास भेजेगी।