मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के काफिले पर हमला मामले में झारखंड के डीजीपी एमवी राव ने कहा है कि ऐसी गुंडागर्दी नहीं चलने दूंगा। उन्होंने कहा कि सीएम के काफिले पर साजिश के तहत हमला किया गया है। हमले में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। कोई ताकत इन्हें नहीं बचा पाएगी। उन्होंने कहा कि ये मूर्ख लोग समझ नहीं पा रहे कि कानून की ताकत क्या है। DGP ने जैप के एक कार्यक्रम में डीजीपी ने ये बातें कही। उन्होंने कहा कि साजिशकर्ता अगर दोबारा कानून हाथ में लेने की कोशिश करेंगे तो उसी जगह पर हाथ-पैर तोड़ दिया जाएगा।
गुंडागर्दी करने वालों से उसी तरह से पेश आया जाएगा
DGP ने कहा कि गुंडागर्दी करने वाले इसे वार्निंग समझ लें। अब तक जितने भी वीडियो फुटेज सामने आए हैं, उनमें से असामाजिक तत्वों को चिन्हित कर गिरफ्तारी की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। रोड पर षडयंत्र करना, गुंडागर्दी करने वालों के साथ उसी तरीके से पेश आया जाएगा। कानून को अपने हाथ का खिलौना समझने वाले से ऐसा पेश आएंगे कि वे जिंदगीभर याद रखेंगे।
सिर कटी लाश मामले में जांच जारी है
डीजीपी ने कहा कि ओरमांझी में लड़की की मिली लाश मामले में दुष्कर्म की अभी पुष्टि नहीं हुई है। अभी तक उसकी पहचान भी नहीं हो पाई है। अभी तक इस बात की आशंका है कि कहीं दूसरी जगह हत्या करके उसे वहां लाकर फेंक दिया गया है। पुलिस जांच कर रही है। बहुत जल्द इसका खुलासा होगा।
क्या है मामला
हरमू बाईपास रोड पर सोमवार शाम CM हेमंत सोरेन के काफिले पर उग्र भीड़ ने हमला कर दिया। घटना शाम करीब छह बजे की है। कुछ देर के लिए भीड़ बेकाबू थी और पुलिसकर्मियों पर भारी पड़ रही थी। उग्र भीड़ नारेबाजी करते हुए स्कॉट में शामिल पुलिसकर्मियों पर ही टूट पड़ी। इस दौरान स्कॉट कर रहे गोंदा के थानेदार नवल किशोर गंभीर रूप से जख्मी हो गए थे। भीड़ ओरमांझी में एक दिन पूर्व एक युवती की दुष्कर्म के बाद गला काटकर हत्या की घटना से आक्रोशित थी।
एमवी राव को बकोरिया कांड में तेजी लाने का श्रेय
एमवी राव की गिनती तेजतर्रार IPS में की जाती है। केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर सीआरपीएफ में रहने के बाद वर्ष 2017 में वह झारखंड लौटे थे। तब सरकार ने उनका तबादला सीआईडी में एडीजी के पद पर किया था। जिस वक्त उन्हें सीआईडी में पदस्थापित किया गया, उस वक्त सीआईडी में कई बड़े मामले जांच के लिये लंबित थे। उन्होंने सभी मामलों की जांच में तेजी लायी। जिसमें बकोरिया कांड भी शामिल था। बता दें कि 8 जून 2015 की रात सीआरपीएफ और पुलिस ने पलामू के सतबरवा थाना क्षेत्र के बकोरिया में कथित रूप से एक मुठभेड़ में एक नक्सली समेत 12 लोगों को मार गिराया। पुलिस ने दावा किया कि मारे गये सभी लोग नक्सली हैं। इस पर लगातार सवाल उठते रहे हैं कि मारे गए लोग नक्सली थे या नहीं।