व्यापारिक संगठन कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAT) की ओर से 26 फरवरी शुक्रवार को भारत बंद का आह्वान किया गया है। CAT की इस बंद को रांची गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने भी अपना समर्थन दिया है। इससे रांची सहित पूरे राज्य में गुड्स की सप्लाई शुक्रवार को ठप रहेगी।
ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के प्रवक्ता सुनील सिंह चौहान ने बताया कि शुक्रवार को रांची में लगभग 500 ट्रक गुड्स की सप्लाई बाधित रहेगी। इसमें रोजमर्रा की जरूरत की सामान शामिल हैं। उन्होंने बताया कि इस दौरान रांची में सामान की न ही कोई गाड़ियां आएंगी और न ही यहां से कोई गाड़ी जाएगी। इसका असर लोकल ट्रांसपोर्टेशन पर भी पड़ सकता है।
क्यों कर रहे हैं विरोध
CAT केंद्र सरकार से GSTके नियमों को आसान करने, ई-वे बिल में संशोधन को वापस लेने की मांग और पेट्रोल-डीजल के दामों को कम करने की मांग कर रहा है। GST के नियमों को जटिल बनाने से सभी व्यापारी वर्ग के लिए व्यवसाय करना मुश्किल हो गया है। पेट्रोलियम उत्पादों के दाम में भारी बृद्धि, से परिवहन व्यवसाय घाटे में जा रहा है। ई-वे बिल को अव्यहारिक बनाये जाने से व्यवसाय करना मुश्किल हो गया है। ई-वे बिल के वर्तमान नियम से परिवहन व्यवसाय करना ही मुश्किल होगा। विभिन्न राज्यों की भौगोलिक स्थिति, कानून व्यवस्था, स्थानीय सड़कों, नो एंट्री इत्यादि के अध्ययन किए बगैर एक अव्यहारिक नियम को व्यवसायी वर्ग पर लाद कर भय की स्थिति उत्पन्न कर दी गई है।
इन व्यापारिक संगठनों ने बंद का किया है समर्थन
26 फरवरी 2021 को कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAT) एवं ऑल इंडिया ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन (AITWA) द्वारा एक दिवसीय भारत बंद का रांची गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन, झारखंड लोक जनशक्ति मजदूर यूनियन, झारखंड प्रगतिशील मजदूर यूनियन, रांची लोकल ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन, झारखंड ट्रक ऑनर एसोसिएशन, झारखंड मोटर मालिक संघ के साथ दूसरे सगठनों ने किया है। इस दिन माल की बुकिंग, डिलीवरी, लदाई का काम पूरी तरह से बंद रहेगा।
झारखंड चैंबर ने दिया नैतिक समर्थन
इधर, चेंबर ने CAT की ओर से बुलाए गए इस बंदी को नैतिक समर्थन दिया है। झारखंड चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष प्रवीन जैन छाबड़ा ने कहा कि GST के वर्तमान संशोधन से हर व्यापारी परेशान है। ऐसे में झारखंड चेंबर ऑफ कॉमर्स ने तय किया है कि वह कैट के द्वारा बुलाए गए भारत बंद का नैतिक समर्थन करेगा। यह फैसला चेंबर ऑफ कॉमर्स की कार्यकारिणी के बैठक में लिया गया है।

