नई दिल्ली: भारत में कोविड-19 संक्रमण के तेजी से बढ़ते आंकड़ों को देखते हुए तीसरे कोरोना वैक्सीन को मंजूरी दे दी गई है। देश के कई राज्यों में कोरोना वायरस के लिए कम पड़े वैक्सीन के स्टॉक को देखते हुए एक्सपर्ट कमेटी ने सोमवार को स्पूतनिक V (Sputnik V) के इमरजेंसी इस्तेमाल को लेकर बैठक की जिसमें इसे सहमति दे दी गई। देश में कोरोना वैक्सीनेशन की शुरुआत जनवरी माह में हो गई और अब तक कुल 10,45,28,565 लोगों को कोरोना वायरस की वैक्सीन लगाई जा चुकी है।
कोविशील्ड व कोवैक्सीन का हो रहा इस्तेमाल
बता दें कि अभी देश में दो कोविड-19 वैक्सीन विकसित किए गए हैं। इनमें से एक कोविशील्ड है और दूसरा कोवैक्सीन। साथ ही वहीं इस साल की तीसरी तिमाही के अंत तक पांच और वैक्सीन आने की खबर है। इनमें स्पूतनिक V, बायोलॉजिकल ई द्वारा विकसित जॉनसन एंड जॉनसन वैक्सीन, सीरम इंडिया की नोवावैक्स वैक्सीन, जायडस कैडिला वैक्सीन और भारत बायोटेक की इंट्रानसल वैक्सीन है।
91.6 फीसद प्रभावी है ‘स्पूतनिक V’ : RDIF
हाल में ही भारत में स्पूतनिक V वैक्सीन के उत्पादन के लिए रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष (RDIF) और हैदराबाद स्थित विरचो बायोटेक के बीच एक समझौता किया गया। दोनों की ओर से इसे लेकर एक संयुक्त बयान में बताया गया कि 2021 की दूसरी तिमाही में प्रौद्योगिकी हस्तांतरण का काम पूरा होने की उम्मीद है, जिसके बाद वैक्सीन का कमर्शियल उत्पादन शुरू हो जाएगा। बता दें कि इनके बयान के अनुसार स्पूतनिक 91.6 फीसद प्रभावी है।