गिरिडीह: एनआईए ने 50 हजार इनामी नक्सली सिंघराय सोरेन को गिरफ्तार किया है. सिंघराय सोरेन की गिरफ्तारी गिरिडीह जिले के अकबकीटांड गांव से हुई है. एनआईए ने बीते 5 मार्च 2018 को गिरिडीह के डुमरी थाना क्षेत्र के अकबकीटांड गांव में भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद के साथ 15 माओवादियों के गिरफ्तार होने के मामले में सिंघराय सोरेन को गिरफ्तार किया है. सिंघराय सोरेन गिरिडीह के डुमरी थाना क्षेत्र के अकबकीटांड़ गांव का रहने वाला था. इस मामले में लंबे समय से एनआईए को उसकी तलाश थी. एनआईए ने उसके ऊपर 50 हजार इनाम घोषित किया था.
15 नक्सलियों को गिरफ्तार किया जा चुका है
नक्सल विरोधी अभियान में गिरिडीह के तत्कालीन एसपी सुरेंद्र कुमार झा के नेतृत्व में पुलिस/ सीआरपीएफ/झारखंड जगुआर को ज्वाइंट ऑपरेशन में बीते 5 मार्च 2018 को एक बड़ी सफलता मिली थी. पुलिस ने दो-तीन इनामी नक्सली (चार्ली-5 लाख, सोहन भुइंया-5 लाख और सुनील मांझी-25 लाख) सहित 15 नक्सलियों को गिरफ्तार किया था. नक्सलियों के पास से 12 हथियार, कारतूस और आरडीएक्स-हैंडग्रेनेडस बरामद किये गये थे. वहीं पुलिस ने 300 आधार कार्ड भी बरामद किया थे.
इस मामले में 6 मार्च 2018 को गिरिडीह के डुमरी थाना में कांड संख्या 26/2018 दर्ज हुआ था. जिसे एनआईए ने 9 मई 2018 टेकओवर करते हुए कांड संख्या आरसी 19/2018 दर्ज कर मामले की छानबीन शुरू की थी. इस मामले में एनआईए ने 31अगस्त 2018 सिंघराय सोरेन समेत 10 नक्सलियों के खिलाफ़ चार्जशीट दायर किया था. जिसके बाद एनआईए ने 8 जनवरी 2019 को सात नक्सलियों के खिलाफ़ सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर किया था.
ऐसे पकड़ में आया नक्सली सिंघराय
एनआईए को जानकारी मिली थी कि नक्सली सिंघराय सोरेन अकबकीटांड़ गांव में छिपा है. जब एनआईए और पुलिस की टीम छापेमारी करने पहुंची तब पुलिस को देखकर वह जंगल को ओर भागने लगा. पुलिस ने उसका पीछा किया और पकड़ लिया. एनआईए ने अपनी जांच रिपोर्ट में कहा है कि सिंघराय सोरेन माओवादी का एक सशस्त्र कैडर है, नक्सल गतिविधियों को बढ़ावा देने के इरादे माओवादी के अन्य सदस्यों के साथ आपराधिक साजिश रची थी. वह हथियार और गोला-बारूद और विस्फोटक पदार्थ छुपाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता था.