रांची : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शनिवार को कहा है कि राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में अब हम और तीव्र गति से टेस्टिंग, ट्रैकिंग और ट्रीटमेंट पर जोर दे रहे हैं। तीसरे चरण की तैयारी के लिए सरकार एसओपी बनाने समेत अन्य जरूरी कदम उठा रही है। उन्होंने कहा है कि उन्हें इस बात की जानकारी है कि वैक्सीन निबंधन में लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। इस समस्या के समाधान के लिए हर जरूरी कदम उठाये जा रहे हैं और जल्द ही इससे निजात मिलेगी।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य में रिकवरी रेट 90 प्रतिशत से ज्यादा हो गयी है। पिछले कुछ दिनों से संक्रमण दर भी चार प्रतिशत के आसपास बनी हुई है। ये आकड़ें कोरोना से हमारे संघर्ष में उत्साहवर्धक हैं और इसके लिए लिए मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य कर्मियों समेत कोरोना के खिलाफ मुहिम में लगे हर एक कर्मी और राज्य की जनता का अभिनंदन किया है। हालांकि मुख्यमंत्री का कहना है कि उनके मुताबिक कोरोना का पीक अभी पार नहीं हुआ है। जब तक राज्य में कोरोना से एक भी राज्यवासी की मौत हो रही है तब तक पीक है, खतरा है और हम ना तो खुश हो सकते हैं और ना ही चैन से बैठ सकते हैं।
मंत्रियों से बात कर तय होगा लॉकडाउन का स्वरूप
मुख्यमंत्री सोमवार को कैबिनेट के मंत्रियों के साथ डिजिटल माध्यम से विमर्श करेंगे। मंत्रियों से राय और उनकी जरूरतों पर निर्णय लेंगे। राज्य के मंत्री अपने-अपने क्षेत्र में सक्रिय हैं। उनका फीडबैक भी लिया जाएगा और कोरोना टीकाकरण, गांवों में संक्रमण के हालात की वास्तविक जानकारी से मुख्यमंत्री रूबरू होना चाहेंगे। ज्ञात है कि राज्य में सख्त लॉकडाउन 27 मई तक लागू किया गया है। सरकार की ओर से तमाम तरह की पाबंदियां हैं। दूसरी ओर कोरोना संक्रमण में काफी कमी रिपोर्ट होने लगी है। अब आगे लॉकडाउन का स्वरूप क्या होना चाहिए। पाबंदियां कायम रखी जानी चाहिए या कुछ छूट दी जा सकती है। अगर छूट दी जाए तो किन-किन क्षेत्रों में दी जा सकती है। इस बात का भी मूल्यांकन किया जाएगा कि अब भी किन कारणों से संक्रमण फैल रहा है या संक्रमण फैलने की आशंका बनी हुई है। तमाम पहलुओं पर विमर्श के बाद सरकार 26 मई को आगे की रणनीति तय कर सकती है। सूत्रों के अनुसार सरकार कुछ पाबंदियां कम कर सकती है।