धनबाद: ब्लैक फंगस को लेकर स्वास्थ्य महकमा चिंतित है। अभी इस बीमारी का धनबाद में इलाज का बंदोबस्त नहीं है। अब एसएनएमएमसीएच में पीड़ित मरीज के इलाज की तैयारी की जा रही है। इसके लिए पीजी बिल्डिंग स्थित कोविड सेंटर में तैयारी की गई है।
सेंटर के नोडल अधिकारी डॉ डीपी भूषण ने बताया कि इस बीमारी के इलाज में उपयोग में लाई जाने वाली कई दवाओं के साथ ब्लैक फंगस की पुष्टि के लिए मरीजों की जरूरी जांच कराने का निर्देश चिकित्सकों को दिया गया है। बीमारी की गंभीरता को देखते हुए सेंटर व यहां उपलब्ध उपकरणों की साफ-सफाई का विशेष इंतजाम किया गया है। अस्पताल के डॉक्टरों को बीमारी, लक्षण व उपचार के विषय में जानकारी दी जा रही है।
ब्लैक फंगस क्या है
आमतौर पर ये साइनस, फेफड़ों और दिमाग में फैलता है। अगर कोई व्यक्ति कोरोना से संक्रमित है और उसे इसके अलावा बुखार, सिरदर्द, खांसी, खून की उल्टी हो रही है, यह लक्षणों में है। बीमारी भी इसका लश्रण है। यह बीमारी बहुत तेजी से फैलती है। आमतौर पर इसका पता ईएनटी विशेषज्ञ या फिर एमआरआई के जरिए लगाया जा सकता है। पिछले 10 सालों में इसके गिने-चुने मामले ही सामने आए हैं।
एम्फोटेरिसिन बी इंजेक्शन की राज्य सरकार से मांग करेगा धनबाद का स्वास्थ्य महकमा
धनबाद की दवा दुकानों में उपलब्ध नहीं है इंजेक्शन
ब्लैक फंगस से पीड़ित मरीजों के इलाज का इंतजाम तो किया गया है लेकिन पीड़ित में फंगस को बढ़ने से रोकने के लिए उपयोग की जाने वाली दवा एम्फोटेरिसिन बी इंजेक्शन अस्पताल व धनबाद की दवा दुकानों पर उपलब्ध नहीं है। हालांकि मामले में ड्रग इंस्पेक्टर रंजीत चौधरी ने बताया कि इंजेक्शन की उपलब्धता कम है। जरूरतमंदों को दवा मिले, इसके लिए राज्य स्तर पर मांग के अनुसार अस्पतालों को उपलब्ध कराई जा रही है। फिलहाल धनबाद में यह इंजेक्शन उपलब्ध नही है।
तेजी से फैल रहा है ब्लैक फंगस, इससे डरें नहीं, सावधानी से करें बचाव- डॉ डीपी भूषण
कोरोना के साथ अब ब्लैक फंगस के मामले भी तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। लोगों के मन में इस लेकर एक डर पैदा होने लगा है। हालांकि डरने की जगह इसके बारे में ज्यादा जागरूक होने की जरूरत है। यह कहना है डॉ डीपी भूषण का। उन्होंने बताया कि यह एक दुर्लभ संक्रमण है जिसे म्यूकोरमाइकोसिस भी कहा जाता है। ये कोविड के मरीजों या फिर ठीक हो चुके मरीजों में खतरनाक साबित हो रहा है। अगर समय पर ध्यान न दिया गया तो 50-80 फीसदा मरीजों की इससे मौत भी हो सकती है। यह एक फंगल इंफेक्शन है जो खासतौर से उन लोगों को संक्रमित करता है जो किसी न किसी बीमारी की वजह दवा लेते हैं।