रांची के तमाड़ में कांची नदी पर बने पुल के ध्वस्त होने के कारणों की जांच होगी। ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने उच्च स्तरीय समिति का गठन कर दोषी पदाधिकारियों और संवेदक के विरुद्ध जांच का निर्देश दिया है। बता दें कि चक्रवात यास के कारण हुई भीषण बारिश की वजह से कांची नदी पर पुल पुल गुरुवार को ध्वस्त हो गया था। वर्ष 2018 में बने इस पुल का निर्माण करीब आठ करोड़ की लागत से किया गया था।
मंत्री आलमगीर आलम के निर्देश पर गठित तीन सदस्यीय जांच समिति की कमान पथ निर्माण विभाग के अभियंता प्रमुख को दी गई है। जांच समिति में बतौर सदस्य भवन निर्माण विभाग और जेएसआरआरडीए के मुख्य अभियंता को शामिल किया गया है। जांच दल को निर्देश दिया गया है कि वह इस मामले की जांच कर संयुक्त जांच प्रतिवेदन जल्द से जल्द विभाग को उपलब्ध कराए। साथ ही दोषी पदाधिकारियों और संवेदक को भी चिह्नित करें।
ता दें कि राजधानी रांची के बुंडू प्रखंड के हाराडीह में कांची नदी पर बना जिले का सबसे लंबा पुल बीते दिन नदी में बाढ़ आने के कारण ढह गया था। आठ करोड़ रुपये की लागत से बने इस पुल का अभी उद्घाटन भी नहीं हुआ है। यह पुल रांची को सरायकेला-खरसावां जिले से जोड़ता हुआ पश्चिम बंगाल के लिए भी संपर्क पथ की सुविधा प्रदान करता है। इस पुल का निर्माण पांडेय कंस्ट्रक्शन ने किया है।
ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने कहा है कि बुंडू और तमाड़ के बीच धवस्त हुए पुल की उच्च स्तरीय जांच होगी। उन्होंने जानकारी दी कि पुल निर्माण के लगभग तीन वर्ष पूरे हुए थे और इसके बाद अभी तक पुल को हैंडओवर नहीं किया गया था। आलम ने कहा कि इसकी निर्माण में निश्चत रूप से खामियां रही होंगी और अब जांच में इसका खुलासा हो जाएगा।