कोरोना वायरस ने अब तक कई रूप बदले हैं. इसकी वजह से लोगों को कई अलग-अलग तरह की परेशानियां हो रही हैं. अब कोरोना के कुछ मरीज ऐसे भी मिल रहे हैं जिनमें रिकवर होने के बाद भी लंबे समय तक लक्षण देखे जा रहे हैं. यह लक्षण कुछ हफ्तों तक भी रहे सकते हैं और 6 महीने तक भी कुछ मरीजों में देखे जा रहे हैं. इस स्थिति को ‘लॉन्ग कोविड’ का नाम दिया गया है.
20 प्रतिशत मरीजों में लांग कोविड
एम्स के कोविड एक्सपर्ट डॉ़ नीरज निश्चल बताते हैं कि ना सिर्फ हमारे देश में बल्कि विदेशों में कई मरीजों में रिकवर होने के 5-6 महीने बाद भी लक्षण देखे गए हैं. जिन मरीजों को कोरोना हुआ, स्थिति गंभीर हुई और अस्पताल में भर्ती करवाने की नौबत आई, ज्यादातर ऐसे मरीजों में लॉन्ग कोविड देखा गया है.
देश-विदेश में 20 प्रतिशत मामलों में लॉन्ग कोविड पाया गया है. ना सिर्फ गंभीर मरीजों में बल्कि कुछ ऐसे मरीजों में भी इसकी पहचान हुई है, जिन्हें हल्के लक्षण के साथ कोरोना हुआ था और वह होम आइसोलेशन में ठीक हो गए. रिकवर होने के पांच हफ्ते बाद लॉन्ग कोविड में जो सबसे ज्यादा लक्षण देखा गया है, वह है थकान.
थकान है सबसे प्रमुख लक्षण
डॉ. नीरज निश्चल कहते हैं कि हाल ही में लॉन्ग कोविड को लेकर विदेश में एक स्टडी हुई है, जिसमें यह पाया गया है कि पांच हफ्ते बाद जिस लक्षण ने सबसे ज्यादा लोगों को परेशान किया, वह थकान है. 11.8 प्रतिशत लोगों में यह लक्षण रिकवर होने के कई दिन बाद तक देखने को मिला.
दूसरा सबसे कॉमन लक्षण कफ
इसके बाद दूसरा सबसे कॉमन लक्षण था कफ, जो करीब 10.9 प्रतिशत मरीजों में देखने को मिला. इसके बाद 10.1 प्रतिशत लोगों में सिरदर्द, 6.4 प्रतिशत लोगों में स्वाद ना आना, 6.3 प्रतिशत लोगों में सुगंध ना आना, 6.2 प्रतिशत में गले का दर्द, 5.6 प्रतिशत लोगों में सांस लेने में परेशानी जैसे लक्षण महीनों बाद भी देखे जा रहे हैं.
देश में भी कई संस्थानों में लॉन्ग कोविड को लेकर स्टडी की जा रही हैं. उनका कहना है कि उनके पास भी इस तरह के कई मरीज आ रहे हैं, जिन्हें रिकवर होने के कई हफ्तों या 5 से 6 महीने बाद भी कुछ लक्षण हैं.