रांची: भारत को रेसलिंग की दुनिया का नया सितारा मिल गया है। अब तक वर्ल्ड रेसलिंग में केवल दलीप सिंह राणा उर्फ द ग्रेट खली के नाम से जाना जाने वाला भारत शिवम चंद्रा के नाम से भी जाना जाएगा। खास बात ये है कि शिवम राजधानी रांची के रहने वाले हैं। रांची के मोरहाबादी इलाके में उनका घर है। शिवम की चर्चा यहां इसलिए हो रही है क्योंकि उन्होंने कॉन्टिनेंटल रेसलिंग इंटरटेनमेंट नेशनल चैंपियनशिप का खिताब जीता है। इस जीत से जुड़ी खास बात ये भी है कि उनको अपराजेय का टैग मिला है। रांची के लिए ये गर्व का विषय है।
दिलीप सिंह राणा उर्फ द ग्रेट खली से लिया प्रशिक्षण
गौरतलब है कि रांची के शिवम ने प्रोफेशनल रेसलिंग की ट्रेनिंग डब्ल्यूडब्ल्यूई के इंडियन स्टार द ग्रेट खली यानी दिलीप सिंह राणा से ली है। द ग्रेट खली ने शिवम के प्रदर्शन को देखते हुए उनको बेस्ट ऑफ द वर्ल्ड का टैग दिया है। अब शिवम जल्दी ही वर्ल्ड रेसलिंग इंटरटेनमेंट के सिलेक्शन राउंड का हिस्सा होंगे। शिवम का कहना है कि द ग्रेट खली की तरह हैवीवेट चैंपियन बनना चाहती हैं। शिवम इसके लिए कड़ी मेहतन भी करते हैं।
रांची के मोरहाबादी इलाके में बीता था बचपन
आपको बता दें कि शिवम ने 12वीं तक की पढ़ाई सेंट्रल एकेडमी बरियातू से की है। 2014 में प्लास टू की पढ़ाई पूरी करने के बाद मेडिकल की प्रवेश परीक्षा भी दी। शिवम को इसमें सफलता नहीं मिली। उन्होंने बाद में मारवाड़ी कॉलेज से बायोटेक्नोलॉजी का कोर्स किया। उनका कहना है कि शुरू से ही उनका रूझान रेसलिंग की तरफ था। इस सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने कॉलेज ड्रॉप कर दिया। तैयारी में जुट गए। माता-पिता इसके खिलाफ थे। आखिरकार 3 साल की कड़ी मेहनत के बाद 2018 में उनकी मुलाकात द ग्रेट खली से हो गई। खली ने ही शिवम को जालंधर स्थित अपनी सीडब्ल्यूई एकेडमी से जुड़़ने की सलाद दी। वहां द ग्रेट खली की देख रेख में शिवम ने रेसलिंग का प्रशिक्षण लिया।
रेसलिंग की दुनिया में छाने को तैयार ग्रेट खली
खली से मुलाकात के बाद शिवम रेसलिंग को लेकर जिम, वर्कआउट, डाइट आदि का ट्रेनिंग को लेकर शरीर को फिट बनाया। अप्रैल 2018 से ही शिवम जालंधर में प्रशिक्षण लेना शुरू कर चुके थे। परिवार खिलाथ था लेकिन उनके चचेरे भाई ने उनको प्रेरित किया और मेहनत करने की सलाह दी। एकेडमी ज्वॉइन करने के बाद शिवम रोजाना 8 से 10 घंटे की प्रैक्टिस करने लगे। रूटीन वर्कआउट के साथ डाइट मैंटेन किया। 75 किलो से 85 किलो की कैटेगरी में शामिल हो गये। खली से रोजाना 3 घंटे अटैक, डिफेंस, सर्वाइवल और रेसलिंग रिंग की ट्रेनिंग ली। 6 महीने बाद उनको थर्सडे जूनियरशो में रेसलिंग रिंग में उतरने का मौका मिला।