झारखंड के पलामू जिले में मंगलवार (11 मार्च) को गैंगस्टर अमन साहू को पुलिस हिरासत से भागने की कोशिश करने और एक जवान पर गोली चलाने के बाद ढेर कर दिया गया. अधिकारियों ने बताया कि यह घटना उस समय हुई जब 150 से अधिक मामलों में आरोपी और कुछ मामलों में दोषी ठहराए गए गैंगस्टर को पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ के रायपुर जेल से रांची लाया जा रहा था.
मेदिनीनगर के उपमंडल पुलिस अधिकारी (एसडीपीओ) मणिभूषण प्रसाद ने बताया कि रामगढ़ थाना क्षेत्र के अंधेरीटोला के पास अचानक साहू के गिरोह के सदस्यों ने उस गाड़ी पर हमला कर दिया, जिसमें उसे लाया जा रहा था. साथ ही उन लोगों ने उसे छुड़ाने का प्रयास किया, जिसके परिणामस्वरूप मुठभेड़ जिसमें अमन साहू मारा गया. जबिक एक अन्य पुलिसकर्मी घायल हो गया. पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है. सुरक्षा एजेंसियां भी घटना से जुड़े अन्य पहलुओं की जांच कर रही हैं.
कौन था अमन साहू?
अमन साहू रांची के छोटे से गांव मतबे का रहने वाला था. उस पर झारखंड में रंगदारी, हत्या, एक्सटॉर्शन सहित 100 से ज्यादा मामले दर्ज थे. पलामू में एक दर्जन से भी बड़े आपराधिक घटनाओं के मामले में भी अमन के खिलाफ केस दर्ज है. वह एक समय में हार्डकोर नक्सली भी रह चुका था और करीब 2013 में उसने अपना गैंग बनाया था. कोरबा में हुए गोलीकांड के बाद रायपुर पुलिस ने उसके चार गैंग सदस्यों को गिरफ्तार किया था.
हाल ही में रायपुर के शंकर नगर इलाके में एक व्यापारिक साझेदार के घर के बाहर फायरिंग की घटना के बाद से रायपुर पुलिस उसे पकड़कर पूछताछ कर रही थी. कहा जाता है कि अमन साहू का संबंध कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई से भी था. सूत्रों के मुताबिक, अमन लॉरेंस को गुर्गे सप्लाई करता था और बदले में हाईटेक हथियार प्राप्त करता था. बता दें अमन साहू ने इंटरनेट मीडिया फेसबुक पर कई बार हथियार लहराकर फोटो भी पोस्ट किया था.