धनबाद : बीसीसीएल की कई कोलियरी में कोयले का स्टॉक बढ़ गया है. लॉकडाउन के कारण रोड सेल पूरी तरह बंद हो जाने से ऐसा हो रहा है. कोयले के स्टॉक में लगातार वृद्धि होने से बीसीसीएल प्रबंधन की चिंता भी बढती जा रही है. क्योंकि बीसीसीएल की अधिकतर कोलियरिया अग्नि प्रभावित क्षेत्र में हैं साथ ही कोयले में आग की मात्रा भी होती है. इससे स्टॉक में आग लगने का खतरा बना रहता है. ऐसे में बीसीसीएल प्रबंधन की सबसे बड़ी चुनौती अपने स्टॉक को आग से बचाये रखने की है.
बीसीसीएल पीबी एरिया के महाप्रबंधक के अनुसार लॉकडाउन की घोषणा के बाद से बीसीसीएल की कई साइडिंग पर कोयले का स्टॉक बढ़ गया है. लॉकडाउन के कारण बीसीसीएल की साइडिंग पर लोडिंग का कार्य जितना होना चाहिए, वह नहीं हो पा रहा है.
क्योंकि मैनुअल तरीके से लोडिंग बंद होने के कारण रोड सेल भी पूरी तरह बंद है. सूत्रों के अनुसार बीसीसीएल के सीके साइडिंग, बीएनआर, एनटी-एसटी कोयला लोडिंग पॉइंट पर 31 मार्च को अंतिम बार रैक लोडिंग का कार्य हुआ था. उसके बाद से यंहा फिलहाल लोडिंग का कार्य बंद है.
मंत्रालय के निर्देश के बाद भी नहींं हो रहा कोयले का उठाव
कोयले के लोडिंग प्वाइंट पर भी कोयले का अंबार लगा है. कोरोना वायरस के कारण घोषित लॉकडाउन के कारण जो मापदंड तय किये गये हैं उसके अनुसार मैनुअल तरीके से भी कोयले की लोडिंग नहीं करा सकते हैं. इसकी वजह से लोडिंग प्वाइंट पर कोयले का अंबार लग गया है.
प्राप्त आकड़ों के अनुसार कोल इंडिया प्रतिदिन 260 से 270 रैक कोयला डिस्पैच करता था लेकिन लॉकडाउन में 200 रैक के आसपास कोयले का डिस्पैच कर पा रहा है. जिसमें अभी सबसे खराब स्थिति बीसीसीएल की है. फिलहाल बीसीसीएल द्वारा अभी पांच रैक कोयला का डिस्पैच ही हो पा रहा है.
वहीं पावर प्लांट को जितना कोयला का उठाव करना चाहिए, वह नहीं कर पा रहा है. जानकरी के अनुसार इस परिस्थिति में कोयला मंत्रालय ने भी विभागीय तौर पर पावर प्लांटों को कोयला उठाव का निर्देश दिया है लेकिन अब भी परिस्थितियां विपरीत हैं.