भाजपा ने टीएसी बैठक का बहिष्कार किया
भारतीय जनता पार्टी ने हेमंत सरकार 2.0 के तहत आयोजित होने वाली ट्राइबल एडवाइजरी काउंसिल (टीएसी) की पहली बैठक का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है। यह बैठक 21 मई को होने वाली है, जिसमें भाजपा के विधायक शामिल नहीं होंगे। यह जानकारी नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी और पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने साझा की। उल्लेखनीय है कि भाजपा के विधायक पहले भी हेमंत सरकार की टीएसी बैठकों में भाग नहीं लेते रहे हैं।
आदिवासी कल्याण की अनदेखी
भाजपा के इस निर्णय पर बाबूलाल मरांडी ने कहा कि पांचवीं अनुसूची के तहत राज्यपाल को टीएसी के सदस्यों की नियुक्ति का अधिकार है, लेकिन वर्तमान सरकार ने इस प्रक्रिया को नजरअंदाज किया है। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार आदिवासियों के हित में कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है, इसलिए इन बैठकों में भाग लेना व्यर्थ है। मरांडी ने यह भी बताया कि बालू घाटों का अधिकार ग्राम सभा को मिलना चाहिए, लेकिन राज्य सरकार अपने करीबी लोगों को टेंडर देने की कोशिश कर रही है। इसके अलावा, राज्य में शराब नीति को लेकर भी गलत निर्णय लिए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में होगी बैठक
टीएसी की बैठक मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में होगी। इस बैठक में विधायक संजीव सरदार, सोनाराम सिंकू, स्टीफन मरांडी, लुईस मरांडी, राजेश कच्छप, जिगा सुसारन होरो, सुदीप गुड़िया, आलोक सोरेन, जगत मांझी, नमन विक्सल कोनगाड़ी, रामचंद्र सिंह, राम सूर्या मुंडा और दशरथ गगराई शामिल होंगे। भाजपा की ओर से बाबूलाल मरांडी और चंपाई सोरेन भी टीएसी के सदस्य हैं। इसके अलावा, मनोनीत सदस्यों में जोसाई मार्डी और नारायण उरांव शामिल हैं।