झारखंड में विधानसभा चुनाव के लिए पहले चरण का मतदान 13 नवम्बर को होना है, लेकिन मतदान से पहले ही इंडी गठबंधन को जोरदार झटका लगा है। इंडी गठबंधन में शामिल राजद के प्रत्याशी सुभाष यादव ने कोडरमा से पर्चा भरा था, लेकिन खबर है कि उन्हें चुनाव के अयोग्य घोषित कर दिया गया है। यानी, राजद के सुभाष यादव अब कोडरमा से चुनाव नहीं लड़ सकेंगे। बीते दिनों ही उन्होंने अपना पर्चा दाखिल किया था। तो क्या पटना हाई कोर्ट के इस आदेश और सुभाष यादव की दावेदारी निरस्त होने के बाद भाजपा को कोडरमा सीट गिफ्ट स्वरूप मिल गयी है।
आखिर क्यों रद्द हुई दावेदारी?
जेल में बंद राजद के सुभाष यादव ने कोडरमा से नामंकन के लिए पटना हाई कोर्ट से अनुमति मांगी थी। सुभाष यादव की याचिका पर सुनवाई करते हुए पटना हाई कोर्ट ने 22 अक्टूबर को सुभाष यादव को नामांकन करने के लिए कोडरमा के निर्वाची अधिकारी के समक्ष पेश करने का आदेश पुलिस को दिया था। गुरुवार को हथकड़ी पहने सुभाष यादव ने कोडरमा जेल पहुंचे और तेजस्वी यादव के साथ एक सभा में भी शामिल हुए। हालांकि नॉमिनेशन उन्होंने बिना हथकड़ी के किया।
इस बीच पटना हाई कोर्ट ने गुरुवार को ही अपने उस आदेश को वापस ले लिया जिसमें कोर्ट ने पटना के बेउर जेल में बंद बालू कारोबारी और लालू परिवार के करीबी सुभाष यादव को कोडरमा विधानसभा सीट से नामांकन करने की इजाजत दी थी। यह आदेश जस्टिस अरविंद सिंह चंदेल की एकलपीठ ने दिया। पटना हाई कोर्ट की आपत्ति इस बात पर थी कि ईडी को बगैर पक्षकार बनाए ही याचिका दायर की गयी थी।
किस मामले में जेल में बंद हैं सुभाष यादव?
बता दें कि राजद नेता सुभाष यादव को ईडी ने गिरफ्तार किया है। बालू कारोबारी सुभाष यादव के घर समेत कई दूसरे ठिकानों पर इसी साल 9 मार्च को ईडी ने छापेमारी की थी। रेड में आवास से 2 करोड़ रुपये मिले थे। दिनभर की छापेमारी के बाद ईडी सुभाष यादव को गिरफ्तार किया था।