झारखंड हाईकोर्ट ने रेमडेसिविर सहित अन्य दवा की कालाबाजारी की जांच की मॉनिटरिंग कर रहे सीआइडी के एडीजी के ट्रांसफर पर कड़ी नाराजगी जताई। अदालत ने कहा कि जब कोर्ट इस मामले की मॉनिटरिंग कर रहा है उसके बाद सरकार को इतनी क्या जल्दी थी कि उनका ट्रांसफर कर दिया गया। इसको देखते हुए हाईकोर्ट ने इस मामले को सीबीआई को सौंपने को कहा।
दरअसल, अदालत महाधिवक्ता के उस बयान पर कड़ी नाराजगी जताई कि रेमडेसीविर दवा सहित कोरोना के जरूरी की दवाओं के कालाबाजारी को बड़ा मामला नहीं है। एजी ने कहा कि प्रशासनिक आधार पर अनिल पलटा का स्थानांतरण हुआ है। अदालत ने मौखिक रूप से कहा कि इस मामले में सरकार ने हाई कोर्ट का अपमान किया है क्योंकि एडीजी अनिल पलटा का ट्रांसफर से पहले इसकी जानकारी हाई कोर्ट को जरूर जानकारी देनी चाहिए थी। एडीजी के निष्पक्ष जांच का भरोसा देने के मात्र 15 दिनों बाद ही उनका ट्रांसफर करना कई सवाल खड़े कर रहा है। इस दौरान अदालत ने राज्य सरकार से उनके ट्रांसफर के कारण सहित पूरी जानकारी अदालत में दाखिल करने को कहा है। अगली सुनवाई सोमवार को होगी। उस दिन कोर् फैसला करेगा कि क्या यह मामला सीबीआइ को सौंपा जाए या नहीं।