झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा के निधन पर गुरुवार (10 अक्टूबर) को एक दिवसीय राजकीय शोक की घोषणा की है. 86 वर्षीय टाटा ने दक्षिण मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में बुधवार रात 11.30 बजे अंतिम सांस ली. वह पिछले कुछ दिनों से अस्पताल में भर्ती थे.
सीएम हेमंत सोरेन ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “झारखंड जैसे पिछड़े राज्य को विश्व स्तर पर पहचान दिलाने वाले टाटा समूह के पूर्व चेयरमैन और पद्म विभूषण रतन टाटा के निधन पर एक दिवसीय राजकीय शोक की घोषणा की गई है.”
टाटा समूह को दुनिया भर में दिलाई नई पहचान
भारतीय उद्योगपति रतन टाटा को टाटा समूह को विश्व स्तर पर पहचान दिलाने का श्रेय दिया जाता है. 86 वर्ष की उम्र में उनका निधन हो गया. टाटा कंपनी ने बीती रात इसकी सूचना सभी से साझा की. रतन टाटा बुधवार को मुंबई के ब्रीच कैंडी में भर्ती कराए गए थे.
टाटा समूह ने एक्स पोस्ट पर अपने एक बयान में कहा, “यह बहुत बड़ी क्षति है कि हम रतन नवल टाटा को अंतिम विदाई दे रहे हैं, जो वास्तव में एक असाधारण व्यक्तित्व थे. टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने नौ अक्टूबर की रात उद्योगपति के निधन की पुष्टि की. उन्होंने टाटा को “मित्र, गुरु और अपना मार्गदर्शक” बताया.
टाटा संस के चेयरमैन ने अपने बयान में ये भी कहा है कि उनके योगदान ने न केवल टाटा समूह को बल्कि हमारे राष्ट्र के ताने-बाने को भी नया आकार दिया है.
रतन टाटा के निधन के बाद से इस बात की चर्चा है कि अब टाटा समूह की जिम्मेदारी कौन संभालेगा? टाटा समूह को संभालने के मामले में नोएल टाटा सबसे मजबूत दावेदार माने जाते हैं. वह नवल टाटा की दूसरी पत्नी सिमोन से जन्मे नोएल टाटा रतन टाटा के सौतेले भाई हैं. यह पारिवारिक बंधन नोएल टाटा को टाटा की विरासत हासिल करने के मामले में पहले नंबर पर रखता है, लेकिन उनकी उम्र को देखते हुए उनके तीन बच्चों में से किसी एक को भी ये जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है. नोएल टाटा के तीन बच्चों में माया टाटा, नेविल टाटा और लिया टाटा शामिल हैं. रतन टाटा के एक छोटे सगे भाई भी हैं. उनका नाम है जिम्मी टाटा, जो सुर्खियों से हमेशा दूर रहते हैं.