रांचीः राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में गुरुवार को संथाली भाषा में भारत का संविधान जारी किया गया। भारत का संविधान अब संथाली भाषा में ओल चिकी लिपि में उपलब्ध है। इस कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन शामिल हुए। इस अवसर पर उपराष्ट्रपति ने कहा कि यह संथाली भाषी समाज के लिए ऐतिहासिक महत्व रखता है।
संविधान के मूल्यों और अधिकारों के प्रति जागरूकता
उपराष्ट्रपति राधाकृष्णन ने दावा किया कि इस पहल से संथाली भाषा बोलने वाले लोग अब देश के संविधान को अपनी मातृभाषा में पढ़ और समझ सकेंगे, जिससे संविधान के मूल्यों और अधिकारों के प्रति जागरूकता और अधिक मजबूत होगी।
ओल चिकी लिपि में लिखी गई
भारत के उपराष्ट्रपति के आधिकारिक एक्स हैंडल पर एक पोस्ट में लिखा गया, “उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन आज राष्ट्रपति भवन में ओल चिकी लिपि में लिखी गई संथाली भाषा में भारत के संविधान के विमोचन समारोह में शामिल हुए। इस मौके पर उपराष्ट्रपति ने इस पहल के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को धन्यवाद दिया, जिनके मार्गदर्शन में यह काम किया गया। उन्होंने कहा कि इस महान पहल से संथाली बोलने वाले लोग अपनी भाषा में संविधान को पढ़ और समझ पाएंगे।”

