कांग्रेस के राज्यसभा सांसद और कारोबारी धीरज साहू के ठिकानों पर आयकर विभाग की कार्रवाई चल रही है. पांच दिन पहले झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में 9 ठिकानों पर एक साथ छापा मारा गया था और तलाशी ली गई. छापेमारी में कुल 351 करोड़ रुपए मिले हैं. यह कार्रवाई एक रिकॉर्ड बन गई है. किसी भी एजेंसी द्वारा एक ही ऑपरेशन में अब तक की सबसे ज्यादा नकदी बरामद की गई है.
बता दें कि साहू ग्रुप पर टैक्स चोरी का आरोप है. इसी सिलसिले में 6 दिसंबर को छापेमार कार्रवाई शुरू हुई थी. अधिकारियों ने कुल 176 बैग में नकदी को रखा था. इन बैग में रखे कैश की गिनती शुरू की गई. रविवार देर शाम भारतीय स्टेट बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक भगत बेहरा ने बताया कि उन्हें गिनती के लिए 176 बैग में नकदी मिली थी. कैश की गिनती के काम में आयकर विभाग और विभिन्न बैंकों की लगभग 80 अधिकारियों की 9 टीमें जुटी थीं. इन्होंने 24 घंटे की शिफ्ट में काम किया. सुरक्षा कर्मियों, ड्राइवरों और अन्य कर्मचारियों समेत 200 अधिकारियों की एक और टीम तब शामिल हुई जब कर अधिकारियों को कुछ अन्य स्थानों के अलावा नकदी से भरी 10 अलमारियां मिलीं. 40 मशीनों के जरिए कैश की गिनती की गई है.
बताते चलें कि कथित तौर पर धीरज साहू का परिवार एक प्रमुख शराब निर्माण कारोबार में शामिल है और वो ओडिशा में ऐसी कई फैक्ट्रियों का मालिक है. इस बीच, भारी मात्रा में कैश बरामद होने के बाद कांग्रेस ने धीरज साहू से दूरी बना ली है. पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा, सांसद धीरज साहू के बिजनेस से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का कोई लेना-देना नहीं है. सिर्फ वही बता सकते हैं और उन्हें यह स्पष्ट करना भी चाहिए कि कैसे आयकर अधिकारियों द्वारा कथित तौर पर उनके ठिकानों से इतनी बड़ी मात्रा में कैश बरामद किया जा रहा है.