Cyclone Michaung: झारखंड में भी चक्रवात मिचौंग का असर दिखने लगा है. तमिलनाडु तट से टकराने के बाद मिचौंग आंध्र प्रदेश की ओर बढ़ रहा है. मंगलवार को दोपहर मछलीपट्टनम के आसपास टकराने की उम्मीद है. इसकी गति 90 से 100 किमी प्रति घंटे हो सकती है. इससे झारखंड में हवा का रुख बदल गया है. फिलहाल, देश के पूर्वी हिस्से से झारखंड की ओर जो हवा आ रही है, उसमें नमी का अभाव है. पांच दिसंबर को राज्य के दक्षिणी (कोल्हान ) और मध्य भाग (राजधानी और आसपास) में हल्के से मध्यम दर्जे की बारिश हो सकती है.
मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि दक्षिण-पूर्वी बंगाल की खाड़ी और इससे सटे दक्षिण अंडमान सागर के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र बुधवार की शाम तक चक्रवाती तूफान में तब्दील हो सकता है। यह तूफान 11 मई तक उत्तर-पश्चिमोत्तर की तरफ बढ़ सकता है। बाद में चक्रवाती तूफान के बांग्लादेश-म्यांमार तट की तरफ बढ़ने की संभावना है। आपदा प्रबंधन विभाग ने कहा कि 12-14 मई के बीच लोगों को बंगाल की खाड़ी के तटीय इलाकों में जाने से बचना चाहिए। खासतौर पर मछुआरों को समुद्र में जाने से मना किया गया है। विभाग ने सलाह दी है कि यदि कोई पहले से ही उधर गया हुआ है तो 11 मई की शाम तक लौट जाए। मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि 11 मई की देर शाम तटीय इलाकों में मोचा चक्रवाती तूफान उग्र हो जाएगा।
झारखंड में दिखेगा आंशिक असर
झारखंड में इसका कितना असर होगा। मौसम विभाग ने कहा कि झारखंड में मोचा का आंशिक असर ही होगा। पिछले 3 दिनों से प्रदेश के तापमान में वृद्धि हुई है और अगले 3-4 दिनों तक राहत मिलने की उम्मीद भी नहीं है। मौसम विभाग का कहना है कि अभी कम से कम 1 सप्ताह तक बारिश की उम्मीद नहीं है। बता दें कि भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने मोचा चक्रवाती तूफान से कई राज्यों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है लेकिन झारखंड में बारिश नहीं होगी। बता दें कि इस चक्रवाती तूफान का नामकरण यमन ने किया है।
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