भारत में आज यानी गुरुवार 11 अप्रैल को ईद-उल-फितर का त्योहार धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है. ईद का त्योहार खुशियों और भाईचारे का त्योहार है. रमजान का पाक महीना पूरा होने के बाद शव्वाल महीने की पहली तारीख को ईद का त्योहार मनाया जाता है. जम्मू-कश्मीर व लद्दाख के हिस्से को छोड़कर भारत में बुधवार की शाम शव्वाल का चांद नजर आया जिससे यह पुष्टि हो गई कि गुरुवार को ईद मनाई जाएगी.
वहीं जम्मू-कश्मीर व लद्दाख में एक दिन पहले ही शव्वाल का चांद नजर आ गया था जिस वजह से भारत के इन 2 हिस्सों में बुधवार 10 अप्रैल को ही ईद का त्योहार मनाया गया है.
ईद के दिन सबसे पहले नमाज अदा की जाती है. नमाज के बाद एक खास दुआ भी होती है जिसमें पूरे विश्व के लिए शांति और अमन की कामना की जाती है. ईद की नमाज पढ़ने के बाद लोग गले लगकर एक दूसरे को ईद के त्योहार की बधाई देते हैं. नमाज के बाद घर जाकर मीठा खाने का रिवाज होता है.
इसी वजह से ईद पर मुस्लिम लोग एक दूसरे के घर जाते हैं और मीठा खाने के बाद ईद की मुबारकबाद देते हैं. मीठे पकवानों में ईद के दिन सेवइयां और शीर खुरमा या खीर को जरूर बनाया जाता है. इसके अलावा भी दस्तरखान पर तरह-तरह के पकवान सजाए जाते हैं.
ईद उल फितर का महत्व
इस्लामिक मान्यता के मुताबिक, रमजान महीने के अंत में ही पहली बार कुरान आई थी. मक्का से मोहम्मद पैगंबर के प्रवास के बाद पवित्र शहर मदीना में ईद-उल-फितर का उत्सव शुरू हुआ. मान्यता है कि पैगंबर हजरत मुहम्मद ने बद्र की लड़ाई में जीत हासिल की थी. इस जीत की खुशी में उन्होंने सबका मुंह मीठा करवाया गया था. इसी दिन को मीठी ईदी या ईद-उल-फितर के रूप में मनाया जाता है