Congress Bihar: पटना में हो रही विपक्षी दलों की बैठक से पहले गुरुवार को अरविन्द केजरीवाल ने कांग्रेस को धमकी दी थी कि अगर वह केन्द्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ उसका समर्थन नहीं करेगा तो विपक्षी एकजुटता अभियान में शामिल नहीं होगा। आज बैठक शुरू होने से पहले जब राहुल गांधी और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे जब पटना पहुंचे तब पत्रकारों के जवाब में कांग्रेस अध्यक्ष ने जो कहा, उससे लगा कि कहीं कांग्रेस केजरीवाल के आगे झुक तो नहीं रही है।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि अरविन्द केजरीवाल को यह पता होगा कि अध्यादेश का समर्थन या विरोध बाहर नहीं, संसद में होता है। जब संसद शुरू होगी तो सभी पार्टियां मिलकर एजेंडा तय करेंगी।
जब कांग्रेस ने केन्द्र के अध्यादेश के खिलाफ समर्थन देने से इनकार कर दिया था। तब कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के इस तरह के बयान देने की क्या जरूरत थी। विपक्षी एकता अलग है, लेकिन दिल्ली के सीएम अरविन्द केजरीवाल जो मांग कर रहे हैं, वह अलग है। यह बात अरविन्द केजरीवाल भी अच्छी तरह से जानते हैं कि कांग्रेस उनका समर्थन नहीं कर सकती। क्योंकि कांग्रेस के राजनीतिक हित अलग हैं, और आप पार्टी के राजनीतिक हित अलग। और तो और कांग्रेस भला उस पार्टी का समर्थन कैसे कर सकती है जिसने उसे दिल्ली से दर-ब-दर कर दिया है। दिल्ली ही नहीं पंजाब में सत्ता से बाहर कर दिया है। गुजरात और गोवा में भी कांग्रेस को चोट पहुंचा चुकी है। फिर वह किस भरोसे यह उम्मीद कर रहे हैं कि कांग्रेस उनका समर्थन कर उनके ही हाथों में एक और लड्डू थमा देगी।