बिहार के पूर्व डिप्टी CM सुशील कुमार मोदी का निधन हो गया है. उन्हें बिहार में भाजपा का भीष्म पितामह माना जाता था. सुशील मोदी भाजपा के संकटमोचक भी थे. जब-जब भाजपा परेशानी में होती थी, सुशील मोदी आगे आकर रास्ता बनाते थे. लालू यादव से लेकर नीतीश कुमार तक को बड़ी ही शालीनता से घेरते थे. नीतीश कुमार से उनकी दोस्ती की भी खूब चर्चा होती थी. यही कारण है उनके निधन पर पीएम मोदी, अमित शाह से लेकर भाजपा के तमाम नेताओं ने शोक व्यक्त किया है. नीतीश कुमार ने शोक संदेश जारी किया तो तेजस्वी यादव और लालू यादव ने भी शोक जताया है. सुशील मोदी पिछले छह महीनों से कैंसर की गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे. उनका एम्स में इलाज चल रहा था.
इसी साल सुशील मोदी का राज्यसभा सदस्य के तौर पर कार्यकाल समाप्त हुआ था. दोबारा राज्यसभा के लिए भाजपा की तरफ से उम्मीदवार न बनाए जाने पर सुशील मोदी ने कहा था, “बिहार में राज्यसभा चुनाव के लिए भाजपा उम्मीदवार बनाए जाने पर डॉ भीम सिंह और डॉ धर्मशिला गुप्ता को हार्दिक बधाई. देश में ऐसे कुछ ही पार्टी कार्यकर्ता होंगे जिन्हें पिछले 33 वर्षों में चारों सदनों (लोकसभा, राज्यसभा, विधानसभा, विधान परिषद) में पार्टी का प्रतिनिधित्व करने का अवसर मिला हो. मैं हमेशा पार्टी का आभारी रहूंगा और पहले की तरह इसके लिए काम करता रहूंगा.” इससे पता चलता है कि सुशील मोदी का भाजपा से जुड़ाव किसी पद के लिए नहीं था.