जमशेदपुर के साकची थाना क्षेत्र में श्रीलेदर्स के मालिक आशीष डे हत्याकांड में मंगलवार को जमशेदपुर कोर्ट ने करीब 16 साल बाद फैसला सुनाया. इस हत्याकांड के आरोपी गैंगस्टर अखिलेश सिंह को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया. जमशेदपुर कोर्ट के एडीजे 4 राजेंद्र कुमार सिन्हा की अदालत में हुई सुनवाई के बाद अखिलेश सिंह को इस कांड में साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया. इस मामले में गैंगस्टर अखिलेश सिंह के भाई अमलेश सिंह, बिनोद सिंह, पप्पू डॉन समेत अन्य को आजीवन कारावास की सजा सुनायी है जबकि वे लोग अभी हाईकोर्ट से बेल पर है. गैंगस्टर अखिलेश सिंह की ओर से जमशेदपुर कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता प्रकाश झा ने पैरवी की जबकि उनके सहयोग में अधिवक्ता विद्या सिंह भी मौजूद थे. इस मामले में 16 लोगों की गवाही हुई थी.
गोली मारकर की गई थी हत्या
हत्याकांड में आशीष डे की पत्नी समेत छह की गवाही हुई थी। 2 नवंबर, 2007 को आशीष डे की साकची आम बागान के पास गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। तापस पाल की शिकायत पर साकची थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इस मामले में अमलेश सिंह, विनोद सिंह और पप्पू डान समेत अन्य को अदालत ने उम्रकेद की सजा सुनाई थी। मामले में अमलेश सिंह और विनोद सिंह को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली थी।
अखिलेश सिंह 54 आपराधिक मामलों में हो चुका बरी
हत्या के मामले में गैंगस्टर अखिलेश सिंह और उसके गुरु विक्रम शर्मा पर अलग से मामला अदालत में चल रही थी। बरी होने के कारण विक्रम शर्मा बाहर है, जबकि अखिलेश सिंह दुमका जेल में बंद है। उसके विरुद्ध अदालत में अलग से सुनवाई चल रही थी। अब तक अखिलेश सिंह 54 आपराधिक मामलों में बरी हो चुका है। जेलर उमाशंकर पांडेय की हत्या में सजा होने के कारण वह जेल में है। 11 अगस्त को अखिलेश सिंह बागबेड़ा निवासी उपेंद्र सिंह की हत्या में बरी हुआ था।
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