रांची: जमशेदपुर के एमजीएम के इमरजेंसी में शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. कमलेश उरांव के साथ दो दिन पहले मारपीट की घटना हुई। इसके विरोध में शुक्रवार 22 सितंबर को राज्य के सभी सरकारी और गैर-सरकारी डॉक्टर्स हड़ताल पर रहेंगे। इस दौरान सिर्फ इमरजेंसी सेवाएं ही चालू रहेंगी।
इस बात का निर्णय आईएमए की ओर से लिया गया है। डॉक्टर्स जमशेदपुर मेडिकल कॉलेज में हुए डॉक्टर्स से मारपीट के विरोध और मेडिकल प्रोटेक्शन बिल के प्रति सरकार के रवैये को लेकर यह निर्णय लिया है।
क्या है पूरा मामला
दरअसल 19 सितंबर की रात जमशेदपुर मेडिकल कॉलेज के पीआईसीयू वार्ड में एक बच्ची का इलाज चल रहा था। उस बच्ची की देर रात दो बजे के करीब मौत हो गई। यहां पीजी मेडिकल के छात्र डॉ कमलेश उरांव ड्यूटी कर रहे थे। बच्ची की मौत की वजह डॉक्टरों का इलाज में लापरवाही बरते जाने की बात कह परिजनों सहित अन्य लोगों ने डॉक्टर के साथ मारपीट की। डॉक्टर का आरोप है कि आक्रोशित परिजनों और अन्य लोगों ने चिकित्सक के कक्ष में घुसकर हमला किया। जिसका वीडियो भी जारी किया गया है।
आईएमए के सचिव डॉ प्रदीप सिंह का कहना है कि 21 सितंबर तक पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार नहीं करती है, तो 22 सितंबर से झारखंड भर के 12 हजार से अधिक डॉक्टर इलाज नहीं करेंगे। अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे। इस दौरान केवल इमरजेंसी सेवा जारी रहेगी। आईएमए के मुताबिक रिम्स सहित राज्य के सभी मेडिकल कॉलेज, सदर अस्पताल और निजी क्लीनिक व अस्पताल में मरीजों को नहीं देखा जाएगा।
आईएमए अध्यक्ष डॉ अरूण कुमार सिंह ने कहा कि घटना हुए दो दिन बीत गए हैं, लेकिन अपराधियों को नहीं पकड़ा जा सका है। डॉक्टरों का कहना है कि मारपीट का वीडियो फुटेज प्रशासन के पास है। बावजूद इसके दोषी व्यक्तियों पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। यह प्रशासन की विफलता है।