मुख्यमंत्री Hemant Soren से ED की पूछताछ के एक दिन बाद सीआरपीएफ के वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करना सरकार की एक बड़ी गलती है। यह बात झारखंड के राज्यपाल CP Radhakrishnan ने कही है। कथित भूमि घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी द्वारा सोरेन से पूछताछ के दौरान निषेधाज्ञा आदेशों का उल्लंघन करने के लिए स्थानीय प्रशासन ने 21 जनवरी को वरिष्ठ सीआरपीएफ अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
पत्रकारों से बातचीत करते हुए राज्यपाल राधाकृष्णन ने कहा कि अनावश्यक रूप से सीएम आवास के सामने बड़ी संख्या में बड़ी सभा आयोजित की गई थी, जो सरकार की बड़ी गलती थी। इसलिए सीआरपीएफ को वहां जाना पड़ा। अधिकारियों पर बेवजह की कानूनी कार्रवाई करने जैसे रवैया को बंद किया जाना चाहिए।
गौरतलब है कि रांची जिला प्रशासन ने सीएम सोरेन के अधिकारिक आवास के पास निषेधाज्ञा लागू कर दी थी, जहां उन्होंने 20 जनवरी को सुबह 7 बजे से रात 11 बजे तक ईडी की पूछताछ का सामना किया था। उस दौरान किसी भी प्रदर्शन और सार्वजनिक बैठक की अनुमति नहीं दी गई थी। सत्तारूढ़ झामुमो ने रविवार को आरोप लगाया था कि जब ईडी द्वारा सोरेन से पूछताछ की जा रही थी तो लगभग 500 से ज्यादा सीआरपीएफ जवानों ने बिना किसी अनुमति के सीएम आवास में प्रवेश करने की कोशिश की थी। जिसके बाद झामुमो ने केंद्रीय बलों की तैनाती को लेकर जांच की मांग की थी। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, इसी बीच, ईडी ने सोरेन को नया समन जारी किया है और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 27 से 31 जनवरी के बीच फिर से अपना बयान दर्ज कराने को कहा है।