Gumla News: अपने खाने के लिए व्यक्ति को खुद ही मेहनत करनी पड़ती है, ये वाक्य को सत्य है, लेकिन इस सत्यता की एक अजीब तस्वीर झारखंड के गुमला जिले के चैनपुर प्रखंड के झारखंड आवासीय विद्यालय में देखने को मिली है. जहां अनाज से भरी भारी बोरियों को छात्राएं अपने सिर पर ढोने को मजबूर हैं.
बता दें कि अनाज से भरी ट्रक स्कूल से लगभग 500 मीटर की दूरी पर खड़ी रही और तपती धुप में छात्राएं भोजन के लिए चावल और आटा की बोरियों को ढोने के लिए परिश्रम करती दिखीं. झारखंड कस्तूरबा आवासीय विद्यालय में सुदूरवर्ती पठारी क्षेत्र के अत्यंत गरीब छात्राएं पढ़ती हैं.
छात्राओं से अनाज ढुलाई का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल होते ही लोगों ने विद्यालय की आलोचना करते हुए कहा कि बच्चों को स्कूल पढ़ने भेजा जाता है ना कि मजदूरी करने.
इस मामले पर चैनपुर प्रखंड प्रमुख ने कहा कि स्कूल के वार्डन द्वारा निजी स्वार्थ और पैसे बचाने की लालच में छात्राओं से मजदूरी कराया जाना बेहद गलत और निंदनीय है. इस पुरे मामले पर जांच कर कार्रवाई होनी चाहिए. आवासीय विद्यालय के द्वारा शिक्षा कानून का उल्लंघन करते हुए जब इसकी जानकारी लेने का प्रयास किया गया तो उन्होंने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया और कहा की यहां छात्राओं से कोई काम नहीं कराया जा रहा है.
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