हजारीबाग के बड़कागांव प्रखंड के पकरी बरवाडीह का मेगालिथ और रांची जिला का मैकलुस्कीगंज बहुत जल्द वैश्विक पटल पर अपनी पहचान बनाएंगे। इसके लिए पर्यटन विभाग ने तैयारी शुरू की है। दोनों ही स्थल पारिस्थितिकी तंत्र सहित पर्यावरण के रूप से काफी ऐतिहासिक है। पर्यटन मंत्री सुदिव्य कुमार ने संबंधित विभागों को ऐतिहासिक मेगालिथ और मैकलुस्कीगंज के प्रमुख स्थलों के संरक्षण, सौंदर्गीकरण और पर्यटकों के लिए आवश्यक सुविधाएं विकसित करने के लिए प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश दिया है। उन्होंने पिछले माह ही उक्त दोनों ही ऐतिहासिक स्थलों का दौरा किया था।
मेगालिथ स्थल में पर्यटन की संभावना को तलाशने पहुंचे मंत्री सुदिव्य कुमार ने कहा था कि देश का एकमात्र 3000 साल पुराना मेगालिथ हजारीबाग में है। हालांकि यह स्थल अब तक विकास के मापदंड में उपेक्षित ही रहा। इस ऐतिहासिक स्थल को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने संबंधित विभागों को इस दिशा में प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा था कि 14 एकड़ में फैला यह स्थल रैयती जमीन पर है। इस केंद्र के पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने में जिन लोगों की जमीन जाएगी उन्हें राज्य सरकार उचित मुआवजा देगी। उसके बाद ही क्षेत्र को विकसित किया जाएगा, ताकि विश्व पटल पर इसकी पहचान बन सके। पर्यटन के रूप में विकसित होने से यह स्थल जहां एक अध्ययन का बहुत बड़ा केंद्र के रूप में उभरेगा, वहीं, स्थानीय रोजगार सृजन में भी मदद मिलेगी।
मैकलुस्कीगंज का सीएम ने भी किया था दौरा
बीते 21 सितंबर को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपनी पत्नी सह गांडेय विधायक कल्पना सोरेन के साथ मैकलुस्कीगंज के कई पर्यटन स्थलों का दौरा किया था। इसके बाद मंत्री सुदिव्य कुमार ने 11 अक्तूबर को उक्त दोनों ही स्थलों का दौरा किया था। दोनों ही पर्यटन स्थलों की चर्चा 15-16 अक्तूबर को राजस्थान के उदयपुर जिले में राष्ट्रीय पर्यटन सम्मेलन में भी हुई थी। ऐतिहासिक मेगालिथ और मैकलुस्कीगंज के डाक बंगला को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।
औपनिवेशिक वास्तुकला का केंद्र है मैकलुस्कीगंज
‘मिनी लंदन’ के रूप में विश्वविख्यात एकमात्र एंग्लो इंडियन गांव मैकलुस्कीगंज पारिस्थितिक तंत्र के हिसाब से एक प्रमुख केंद्र है। यहां ऐसे कई स्थल हैं, जो वैश्विक पटल पर पर्यटन का केंद्र बिंदु बन सकते हैं। मंत्री सुदिव्य कुमार का कहना है कि यहां औपनिवेशिक वास्तुकला वाले पुराने ब्रिटिश बंगले, ऐतिहासिक गुरुद्वारा, मंदिर, मस्जिद, चर्च आदि हैं। इसके अतिरिक्त, यहां कई ऐसी नदियां हैं, जो पिकनिक स्पॉट का केंद्र बिंदु बन सकती हैं। नकटा हिल्स और कोठारी जैसी प्राकृतिक सुंदरता वाली जगहें हैं। ये सभी पर्यटन का एक प्रमुख केंद्र बन सकते हैं।
खगोलीय घटना के लिए प्रसिद्ध है मेगालिथ
प्राकृतिक सुंदरता के लिए मशहूर मेगालिथ स्थल खगोलीय घटना का एक प्रमुख केंद्र है। हर साल यहां 20-21 मार्च को खगोलीय घटना देखी जाती है। दो मेगालिथ पत्थरों के बीच से सूर्योदय के अद्भुत नजारे को देखने के लिए लोग एकत्रित होते हैं और इस अद्भुत घटना को अपने कैमरे में कैद करते हैं। ऐसी मान्यता है कि मेगालिथ पत्थर जनजातीय समाज में किसी के मरने के बाद उनकी याद में गाड़ा जाता था।

