Hemant Soren ED: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ईडी के चौथे समन के बाद जमीन घोटाले से सम्बंधित मनी लॉन्ड्रिंग केस में जवाब देने के लिए पेश होने के बजाय सुप्रीम कोर्ट मूव किया है। हाई कोर्ट में दायर अपनी याचिका में मुख्यमंत्री ने ED के अधिकारों को चुनौती दी है। इससे पहले, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सुप्रीम कोर्ट का हवाला देते हुए ईडी और केन्द्र सरकार को अपने हाई कोर्ट में मूव करने की सूचना दे दी थी। मुख्यमंत्री शुक्रवार को हाई कोर्ट में याचिका दायर करना चाहते थे, हाई कोर्ट के जस्टिस केपी देव के निधन के कारण हाई कोर्ट में शुक्रवार को अवकाश घोषित किया गया था।
अब आगे ईडी की क्या हो सकती है कार्रवाई?
सीएम हेमंत सोरेन अपनी सुरक्षा के लिए न्यायालय की शरण में जा रहे हैं। तो यह सवाल उठ रहा है कि चार समन के बाद भी हेमंत सोरेन पूछताछ के लिए पेश नहीं हुए तो फिर ईडी के पास आगे क्या कार्रवाई शेष रह जाती है। सूत्रों के चौथे समन पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के ईडी कार्यालय नहीं पहुंचने पर ईडी अपने रूल एवं रेगुलेशन के तहत मुख्यमंत्री के खिलाफ निचली अदालत में गिरफ्तारी वारंट जारी करने के लिए प्रार्थना भी कर सकती है। यहां यह भी ध्यातव्य है कि डीएसपी प्रमोद मिश्रा एवं सरफुद्दीन खान के मामले में हाई कोर्ट ने उन्हें राहत दी थी। दोनों ईडी के समन को चुनौती वाली याचिका पर हाई कोर्ट पहुंचे थे. तब उनकी पूछताछ के लिए ईडी में उपस्थिति दर्ज कराने पर गिरफ्तार नहीं करने का निर्देश दिया था।
ईडी ने सीएम हेमंत को कब-कब भेजा था समन
ईडी के चौथे समन के अनुसार मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को 23 सितंबर को यानी आज पूछताछ के लिए ईडी कार्यालय में पेश होना था। इससे पहले 14 अगस्त, 24 अगस्त एवं 9 सितंबर को भी ईडी ने सीएम को पूछताछ के लिए समन जारी किया था।