रांची. झारखंड के 2195 टावर से शनिवार को स्वदेशी तकनीक से बनी 4जी सेवा शुरू होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ओडिशा के झारसुगुड़ा से देश का पहला पूर्णत: स्वदेशी 4जी नेटवर्क राष्ट्र को समर्पित करेंगे. इस अवसर पर देशभर के लगभग 97,500, 4जी मोबाइल टावरों का उद्घाटन किया जायेगा. इनमें बीएसएनएल ने 92,600 से अधिक 4जी साइट्स स्थापित किये हैं, जबकि शेष अन्य ऑपरेटर्स के नेटवर्क हैं. यह जानकारी बीएसएनएल, झारखंड के सीजीएम विपुल अग्रवाल ने शुक्रवार को मेन रोड स्थित टेलीफोन भवन में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में दी.
जून 2026 से पहले शुरू होगी 5जी सेवा
सीजीएम ने बताया कि स्वदेशी तकनीक से निर्मित इन टावरों की खासियत यह है कि इन्हें बिना किसी रुकावट के 5जी में अपग्रेड किया जा सकता है. सभी नेटवर्क के 4जी में अपग्रेडेशन पूरा होने के बाद जून 2026 से पहले 5जी सेवा शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है. इनमें से 1295 टावर 5जी अपग्रेडेशन के लिये तैयार हैं. कंपनी का कहना है कि 4जी अपग्रेड के बाद से डाटा उपयोग में 50 फीसदी तक वृद्धि दर्ज की गयी है. उन्होंने बताया कि प्रदेश में तीन परियोजनाओं के तहत नेटवर्क अपग्रेड किये गये हैं. इनमें 4जी सैचुरेशन प्रोजेक्ट के तहत दुर्गम गांवों में स्थापित 652 नेटवर्क, एलडब्ल्यूइ फेज वन के तहत 248 और बीएसएनएल के वर्तमान 1295 टावर शामिल हैं. कुल 2800 से अधिक नेटवर्क में से 2195 नेटवर्क से शनिवार से 4जी सेवा शुरू होगी, जबकि शेष नेटवर्क दो-तीन महीने में स्थापित कर लिये जायेंगे. इससे झारखंड के पिछड़े क्षेत्रों तक डिजिटल पहुंच सुनिश्चित होगी.
अपग्रेडेशन के बाद भी चालू रहेगी 2जी सेवा
सीजीएम ने कहा कि राज्य के सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में अब भी बड़ी आबादी 2जी सेवा से जुड़ी है. वर्तमान में लगभग 16-17 लाख ग्राहक बीएसएनएल की 2जी सेवा का उपयोग कर रहे हैं. ऐसे ग्राहकों को परेशान होने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि 4जी अपग्रेडेशन के बाद भी 2जी सेवा जारी रहेगी. मौके पर पीजीएम यूपी साह, रामाश्रय प्रसाद, आशीष कुमार दास, सुप्रिया जायसवाल, आरआर तिवारी सहित बीएसएनएल के कई पदाधिकारी उपस्थित थे.
खदानों में नेटवर्क समाधान मिलेगा
बीएसएनएल ने राज्य सरकार, विभिन्न पीएसयू और निजी क्षेत्र को अत्याधुनिक इंटरप्राइज सेवाएं प्रदान करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है. शनिवार को सीएमपीडीआइ, रांची में 5जी कैप्टिव नन-पब्लिक नेटवर्क सेवाओं के लिये एमओयू पर हस्ताक्षर किया जायेगा. इस सेवा के माध्यम से कोल इंडिया लिमिटेड की खदानों में नेटवर्क समाधान प्रदान किये जायेंगे.